सेवा क्षेत्र में पांच माह के निचले स्तर पर पहुंची गतिविधियां, नए निर्यात ऑर्डर 10 साल में सर्वाधिक
नई दिल्ली। जबरदस्त प्रतिस्पर्धा, कीमतों का भार और रिकॉर्ड तोड़ गर्मी। इन सब वजहों से मई में देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई। बावजूद इसके अंतरराष्ट्रीय बाजारों से नए ऑर्डर में 10 साल की सबसे तेज वृद्धि हुई है। बुधवार को जारी मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक मई में घटकर 60.2 पर आ गया। यह दिसंबर, 2023 के बाद का सबसे निचला स्तर है। अप्रैल में यह 60.8 पर था। एचएसबीसी की वैश्विक अर्थशास्त्री मैत्रेयी दास ने कहा, मई के आंकड़े बताते हैं कि नए व्यवसाय में मजबूत वृद्धि ने भारत की सेवा अर्थव्यवस्था में उत्पादन वृद्धि को बल देना जारी रखा है।
दास ने कहा, सकारात्मक बात यह रही कि कारोबारी भरोसे में आठ महीनों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। एशिया, अफ्रीका, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका से मांग में मजबूत तेजी दर्ज की गई। हालांकि, कच्चे माल और श्रम की लागत में वृद्धि के कारण कंपनियों पर लागत का दबाव बढ़ गया।
बेसिक सर्विसेज डीमैट खाते में 10 लाख रुपये तक की प्रतिभूतियां रखने की मंजूरी मिल सकती है। अभी इसमें दो लाख रुपये तक की डेट और दो लाख की दूसरी प्रतिभूतियां रख सकते हैं। सेबी ने एक प्रस्ताव जारी किया है। 2012 में इस अकाउंट की शुरुआत हुई थी। बेसिक डीमैट खाते का मतलब उन खुदरा निवेशकों से है, जो शेयर, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड में नियमित निवेश नहीं करते हैं। खुदरा निवेशकों की बढ़ती संख्या के कारण यह फैसला किया गया है।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक बुधवार से शुरू हो गई है। ब्याज दरों में कटौती पर इसका फैसला शुक्रवार को आएगा। विश्लेषकों का कहना है कि इस बार भी रेपो दरों में बदलाव की कोई संभावना नहीं दिख रही है।
घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या चालू वित्त वर्ष के अंत तक बढ़कर 16.4 करोड़ पहुंच सकती है। एक साल पहले यह 16.1 करोड़ थी। विमानन उद्योग की संस्था सीएपीए ने बुधवार को कहा, अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों की संख्या 9-11 फीसदी बढ़कर 7.8 करोड़ पहुंच सकती है। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स (एनआईपीएल) और पेरू के रिजर्व बैंक ने यूपीआई भुगतान शुरू करने के लिए साझेदारी की है। एनआईपीएल ने बुधवार को कहा, यह सहयोग मील का पत्थर है। इससे पेरू दक्षिण अमेरिका में यूपीआई को अपनाने वाला पहला देश बन गया है।