सरकार ने 10 लाख टन से अधिक गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी

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-नेपाल, कैमरून और मलेशिया सहित सात देशों को गैर-बासमती चावल का निर्यात

नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government) ने नेपाल, कैमरून और मलेशिया सहित सात देशों (Seven countries) को 10,34,800 टन गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति (Permission to export non-Basmati rice) दे दी है। इन देशों को यह निर्यात राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) (National Cooperative Export Limited – NCEL) के माध्यम से किया जाएगा।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बुधवार को जारी एक अधिसूचना के मुताबिक सात देशों को 10,34,800 टन गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी गई है। इन देशों में नेपाल, कैमरून, कोटे डी आइवर, गिनी, मलेशिया, फिलीपींस और सेशल्स शामिल हैं। अधिसूचना के मुताबिक यह निर्यात राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लि. (एनसीईएल) के जरिए किया जा सकता है।

डीजीएफटी के मुताबिक भारत ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए 20 जुलाई से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन कुछ देशों की खाद्य सुरक्षा जरूरत के मद्देनजर सरकार उनके लिए गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी है। अधिसूचना के अनुसार नेपाल को 95 हजार टन, कैमरून को 1,90,000 टन, कोटे डी आइवर को 1,42,000 टन, गिनी को 1,42,000 टन, मलेशिया को 1,70,000 टन, फिलीपींस को 2,95,000 टन और सेशेल्स को 800 टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है। पिछले महीने घरेलू स्तर पर चावल की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गैर-बासमती यानी सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था। फिलहाल, चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के साथ उबले चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क भी लागू है।

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