राशन दुकानों में चावल की ‘बेहद’ अच्छी गुणवत्ता, योजना के तहत अनाज खरीदे’कारोबारी खुले बाजार में बिक्री

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नई दिल्ली । चावल की महंगाई पर चिंता व्यक्त करते हुए एफसीआई प्रमुख अशोक के मीणा ने शुक्रवार को कहा कि पीडीएस चावल ‘बेहद’ अच्छी गुणवत्ता का है। उन्होंने घरेलू बाजारों में इसकी उपलब्धता बढ़ाने और मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कारोबारियों से खुले बाजार बिक्री योजना के तहत इस अनाज की खरीद करने का आग्रह किया।
भारतीय खाद्य निगम ने ओएमएसएस के तहत चावल कारोबारियों और प्रसंस्करणकर्ताओं की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए शुक्रवार को बोली की मात्रा 1,000 टन से बढ़ाकर 2,000 टन प्रति बोलीदाता कर दी और न्यूनतम बोली की मात्रा 10 टन से घटाकर एक टन कर दी गई।

चावल मुद्रास्फीति के आंकड़े थोड़ा चिंता का विषयः एफसीआई अध्यक्ष
उन्होंने कहा कि ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री के लिए मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया से गेहूं और आटे की कीमतों को नियंत्रण में रखने में मदद मिली है। चावल के मामले में, योजना के तहत अब तक अनाज का उठाव ज्यादा नहीं हुआ है। एफसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मीणा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चावल मुद्रास्फीति के आंकड़े थोड़ा चिंता का विषय है। यह सालाना आधार पर 13 प्रतिशत है, जो चिंता का कारण है। यही कारण है कि हम ओएमएसएस के तहत चावल बेच रहे हैं।”

एफसीआई के पास बहुत अच्छी गुणवत्ता वाला चावल उपलब्ध
उन्होंने कहा कि हालांकि, ओएमएसएस पहल के व्यापक प्रचार के बावजूद जून से अब तक चावल की बिक्री केवल 1.19 लाख टन रही है। सरकार ने ओएमएसएस के तहत 25 लाख टन चावल उठाव करने का फैसला किया है। एफसीआई प्रमुख ने पीडीएस चावल की गुणवत्ता को लेकर आशंकाओं को भी दूर किया। इसके लिए उन्होंने पहली बार पत्रकारों को इसके गोदाम के पीडीएस चावल से पकाया हुआ तला हुआ चावल और खीर (मीठा चावल) परोसा। उन्होंने कहा, ‘‘एफसीआई के पास बहुत अच्छी गुणवत्ता वाला चावल उपलब्ध है।पीएमजीकेएवाई के तहत दिए जाने वाले चावल की गुणवत्ता उतनी ही अच्छी है जितनी आप बाजार में देखते हैं।” मीणा ने कहा कि एकमात्र मुद्दा यह है कि पीडीएस चावल में 25 प्रतिशत तक टूटा हुआ चावल होता है। वैसे इसकी गुणवत्ता खपत के लिए अच्छी है।

ओएमएसएस के तहत साप्ताहिक ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से चावल 2,900 रुपए प्रति क्विंटल पर बिक्री के लिए पेश किया जा रहा है। एफसीआई प्रमुख के अनुसार ओएमएसएस के तहत निजी व्यापारियों द्वारा चावल के अधिक उठाव से घरेलू बाजार में उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे कीमतें नीचे आएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘चावल का भंडार अच्छा है। वर्तमान में, हमारे पास कुल दो करोड़ टन अधिशेष चावल है, जो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए हमारी आवश्यकता से अधिक है।” उन्होंने कहा कि खरीफ विपणन सत्र 2023-24 में लगभग 2.37 करोड़ टन चावल की खरीद की गई है।

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