बिना खरीदे बन जाएं मालिक कार के ओटीटी की तरह सब्सक्राइब करें

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नई दिल्ली जो लोग खुद कार नहीं खरीदना चाहते वे अपनी मनपसंद कार सब्सक्राइब कर बिना खरीदे ही इसके मालिक बन रहे हैं। इसमें न तो डाउन पेमेंट देना पड़ता है और न ही ईएमआइ का झंझट है।एक तरफ जहां नई कारों की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हुआ है, वहीं सेकेंड हैंड कारों का बाजार भी बूम पर है। देश में बिकने वाली हर 2 नई कारों के मुकाबले 3 सेकेंड हैंड कारें बिक रही हैं।

इस बीच जो लोग खुद कार नहीं खरीदना चाहते वे अपनी मनपसंद कार सब्सक्राइब कर बिना खरीदे ही इसके मालिक बन रहे हैं। गाडिय़ों को सब्सक्राइब करने का ट्रेंड पिछले एक साल में तेजी से बढ़ा हैं। कार लोन की बढ़ती ब्याज दरों के चलते लोग अब अपनी मनपसंद कार खरीदने के बजाय सब्सक्रिप्शन फीस देकर घर ला रहे हैं। इसमें न तो डाउन पेमेंट देना पड़ता है और न ही ईएमआइ का झंझट है।

बिना खरीदे बन सकते हैं कार मालिक

जिस तरह आप किसी ओटीटी प्लेटफार्म को सब्सक्राइब करते हैं और जब तक मन करे मंथली फीस देकर उसका मजा लेते हैं, ठीक उसी तरह सब्सक्रिप्शन मॉडल में मासिक फीस देकर जब तक चाहें कार अपने पास रख सकते हैं। यह कार किराए पर लेने से अलग है। सब्सक्रिप्शन मॉडल में उपभोक्ता हर महीने निश्चित राशि देकर मालिक की जब तक चाहें कार का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें हर महीने जो फीस चुकानी होती है उसमें मेंटेनेंस, इंश्योरेंस और रोड साइड असिस्टेंस आदि कवर मिलता है।

ग्राहक ग्राहक मॉडल, इंटीरियर, सेफ्टी फीचर्स के आधार पर कार चुनते हैं। वे जो कार लेना चाहते हैं, सब्सक्रिप्शन कंपनी उन कारों में निवेश करती हैं, ये कारें या तो ऑटोमेबाइल कंपनी से खरीदी जाती है या लीज पर ली जाती है या खुद ऑटोमेबाइल कंपनी कार सब्सक्रिप्शन पर देती हैं। मारुति, हुंडई, महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियां ग्राहकों को सब्सक्रिप्शन पर कार दे रही हैं। साथ ही गाडिय़ों की सर्विसिंग पर डीलर्स डिस्काउंट देते हैं।

सब्सक्रिप्शन की लॉकइन अवधि

सब्सक्रिप्शन पर कार लेने के बाद एक लॉकइन अवधि होती है, जिसके बाद ही ग्राहक कार को लौटा सकते हैं। सब्सक्रिप्शन पर कार 12, 24, 36 और 48 महीने के लिए मिलती हैं। देश में फिलहाल 24 महीने वाले प्लान की डिमांड सबसे अधिक है, जिसमें ३०,000 किमी तक कार चला सकते हैं।

सब्सक्राइबर अगर प्लान में दिए किलोमीटर से अधिक कार चलाते हैं तो उन्हें सब्सक्रिप्शन के अंत में अलग से भुगतान करना होगा। सब्सक्रिप्शन पीरियड खत्म होने के बाद ग्राहक इस अवधि को बढ़ा भी सकते हैं और अंत में गाड़ी को मार्केट रेट पर खरीद भी सकते हैं।

ईएमआइ से कितना सस्ता-महंगा

अगर आप शोरूम से 22 लाख की प्रीमियम एसयूवी लोन पर खरीदते हैं जिसका भुगतान 5 साल में करना है तो 8.5त्न ब्याज दर के मुताबिक हर महीने ईएमआइ के तौर पर 45,136 रुपए देने होंगे। वहीं इसी कार को सब्सक्रिप्शन पर लेते हैं तो हर महीने करीब 55,000 रुपए का भुगतान करना होगा जो ईएमआइ से अधिक है। लेकिन इसमें एकमुश्त डाउनपेमेंट, इंश्योरेंस आदि का खर्च नहीं है। सब्सक्रिप्शन पर कार लेने वालों की औसत उम्र 27 से 40 वर्ष के बीच और मासिक आय 75,000 से 2.5 लाख रुपए के बीच है।

सब्सक्रिप्शन और नई गाड़ी खरीदने में कौन बेहतर

विशेषज्ञों के मुताबिक, कार को सब्सक्रिप्शन पर लेने के लिए डाउन पेमेंट करने या लोन लेने की आवश्यकता नहीं है। जिससे साथ मंथली इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन और मेंटेनेंस का कोई खर्चा नहीं उठाना पड़ेगा। इसके साथ ही आप हर एक दो साल में कार बदल सकते हैं। इसके लिए कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं किया जाएगा। हालांकि महंगी गाडिय़ों का मंथली सब्सक्रिप्शन ईएमआइ से अधिक होता है। साथ ही इसमें कार चलाने की सीमा किमी में तय की गई है। यह सीमा पर होने पर अतिरिक्त भुगतान करना होता है।

 

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