बटर बिस्किट को लेकर दो दिग्गज कंपनियों के बीच घमासान, सुप्रीम कोर्ट ने आईटीसी और ब्रिटानिया को दी ये हिदायत

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कॉरपोरेट जगत में मिलते-जुलते उत्पादों को लेकर बड़ी कंपनियों के टकराने के हजारों मामले पड़े हुए हैं। अभी एक ऐसा ही मामला चर्चा में है, जिसमें बटर बिस्किट को लेकर दो दिग्गज कंपनियों के बीच घमासान मचा हुआ है, जिसमें अब अंतत: सुप्रीम कोर्ट को विवाद सुलटाने के लिए खास निर्देश देना पड़ा है।

इन प्रोडक्ट को लेकर विवाद

यह मामला है एफएमसीजी की दो दिग्गज कंपनियां आईटीसी और ब्रिटानिया का। दोनों कंपनियां बिस्किट के बाजार में अच्छी-खासी हिस्सेदारी रखती हैं। यह विवाद भी बिस्किट को लेकर ही है। आईटीसी का प्रोडक्ट है मॉम्स मैजिक और ब्रिटानिया का प्रोडक्ट है गुड डे। ये दोनों ही बटर बिस्किट कैटेगरी के प्रोडक्ट हैं और इनको लेकर ही दोनों कंपनियों में तकरार चल रही है।

मद्रास हाई कोर्ट का फैसला

ब्रिटानिया का आरोप है कि आईटीसी ने अपने बटर बिस्किट प्रोडक्ट मॉम्स मैजिक बटर कुकीज की पैकेजिंग में उसके लोकप्रिय प्रोडक्ट गुड डे बटर कुकीज की पैकेजिंग की नकल की है। इसे लेकर ब्रिटानिया ने आईटीसी के खिलाफ मुकदमा दायर किया। मद्रास हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए ब्रिटानिया के पक्ष में फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने गुड डे की पैकेजिंग का नकल करने के बाबत आईटीसी को सनफीस्ट ब्रांड के तहत बिकने वाले मॉम्स मैजिक की पैकेजिंग पर रोक लगा दी।

ब्लू पैकेजिंग पर चल रहा विवाद

दरअसल गुड डे की ब्लू पैकेजिंग बाजार में काफी लोकप्रिय है। ब्लू पैकेजिंग के साथ एक हद तक गुड डे ब्रांड की पहचान स्थापित हो गई है। आईटीसी ने भी ब्लू पैकेजिंग में मॉम्स मैजिक को बाजार में पेश किया है। विवाद इसी ब्लू पैकेजिंग पर है। हाई कोर्ट ने आईटीसी को मॉम्स मैजिक के लिए ब्लू पैकेजिंग पर रोक लगाने का फैसला सुनाया, जिसे आईटीसी ने चैलेंज कर दिया।

अब जनवरी में होगी सुनवाई

इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि दोनों कंपनियां प्रीमियम प्रोडक्ट बनाती हैं, जिन्हें व्यापक स्तर पर कंज्यूम किया जाता है। पीठ ने कहा कि अगर दोनों कंपनियां आपस में बातचीत कर मामले को सुलझा लेती हैं तो यह बेहतर है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों कंपनियों को हिदायत देने के बाद मामले को जनवरी की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।

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