ड्राइवरों की हड़ताल से हिमाचल से महाराष्ट्र तक सूख रहे पेट्रोल पंप, कई जगह लगी कतारें
]
नई दिल्ली। नए साल के पहले ही दिन से कई राज्यों में पेट्रोल, डीजल के लिए बवाल मच गया है। ट्रकों, टैंकरों ने भारतीय न्याय संहिता में लाए गए हिट एंड रन के प्रावधान के विरोध में चक्का जाम कर दिया है। इससे पेट्रोल और डीजल की सप्लाई प्रभावित हो रही है। हिमाचल के कई पेट्रोल पंप तो 1 जनवरी को सूखे नजर आए। इस बीच जहां भी पेट्रोल और डीजल उपलब्ध है, उन पंपों पर लंबी लाइन लग गई है। इसकी वजह यह डर है कि कहीं यहां भी पेट्रोल और डीजल खत्म न हो जाए। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, यूपी, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, एमपी और राजस्थान एवं गुजरात समेत देश के सभी राज्यों में यही हाल है।
हिट एंड रन का कानून बेहद खतरनाक
कहीं-कहीं तो हाईवे में किलोमीटरों का जाम लगा है और टैंकर कतार लगाए खड़े हैं। इन सभी लोगों का कहना है कि हिट एंड रन का कानून बेहद खतरनाक है। इसमें हादसे के बाद ड्राइवर के खुद या गाड़ी समेत भागने पर 10 साल तक की सजा और 7 लाख रुपये तक के फाइन का प्रावधान है। ट्रक ड्राइवर, कैब चालत एवं अन्य कॉमर्शियल गाड़ियां चलाने वालों का कहना है कि ऐसी स्थिति में कोई हादसा हुआ तो हमारा शोषण होगा। कई ड्राइवरों ने कहा कि हम कुछ भी कर लेंगे, लेकिन यह पेशा छोड़ ही देंगे। ऑल पंजाब ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष हैपी सिद्धू ने कहा कि यह काला कानून है, जो ट्रक वालों को बर्बाद कर देगा।
इस आंदोलन से क्यों तेल सप्लाई अटक गई
ड्राइवरों के आंदोलन में टैंकरों के हजारों चालक भी शामिल हैं। इसकी वजह से जहां-तहां टैंकर अटके हुए हैं और पेट्रोल पंपों तक ईंधन नहीं पहुंच रहा है। कई शहरों और राज्यों में इसकी वजह से तेल संकट दिख रहा है। हिमाचल के तो कई शहरों में नए साल के पहले ही दिन तेल खत्म हो गया। महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पेट्रोल पंपों में आज शाम तक संकट बढ़ सकता है। पेट्रोल पंप डीलर्स ने यह बात कही है। एसोसिएशन के सेक्रेटरी अकील अब्बास ने कहा, ‘ईंधन लेकर आने वाले टैंकरों के ड्राइवर भी आंदोलन में शामिल हो गए हैं।’
हिमाचल में तो टूरिस्ट भी भटक रहे, टैक्सी मिलना मुश्किल
वहीं हिमाचल में टूरिज्म सेक्टर भी तेल की कमी से प्रभावित हो रहा है। यहां पर्यटकों को वाहन ही नहीं मिल रहे हैं क्योंकि टैक्सी ड्राइवर भी आंदोलन में शामिल हैं। ड्राइवरों का आंदोलन पटना से लेकर पुणे तक चल रहा है। इन चालकों का कहना है कि यदि किसी हादसे पर हम लोगों को 10 साल की सजा मिलेगी तो फिर परिवार कौन चलाएगा। नवी मुंबई में तो एक जगह ट्रक ड्राइवरों ने पुलिस वालों पर ही हमला बोल दिया। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया तो भीड़ छंट गई।