झारखंड में 72605 फुटपाथ दुकानदारों को दिए गए 104 करोड रुपए

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प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से ऋण उपलब्ध करवाने में जमशेदपुर अव्वल, दूसरे नंबर पर रांची

सांसद संजय सेठ के सवाल पर के केंद्रीय मंत्री का जवाब

RANCHI:  प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि योजना मूल रूप से फुटपाथ पर व्यवसाय करने वालों के लिए आरंभ की गई है।
इस योजना के तहत झारखंड में 72605 फुटपाथ विक्रेताओं को 104 करोड रुपए की राशि ऋण के रूप में उपलब्ध कराई गई है।

उक्त आशय की जानकारी केंद्रीय अवसान और शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर ने लोकसभा में सांसद  संजय सेठ को दी।

सांसद श्री संजय सेठ ने लोकसभा में पीएम स्वनिधि योजना की विशेषताओं, झारखंड में इसके लाभुकों से संबंधित जानकारी मांगी थी।

साथ ही सांसद ने शहरी निकायों द्वारा कई स्थानों पर फुटपाथ विक्रेताओं को पहचान पत्र या प्रमाण पत्र जारी करने से मना करने से संबंधित विषय की तरफ भी सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया था।

इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री ने सदन में बताया कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत 1 वर्ष की अवधि के लिए ₹10000, फिर क्रमश: दूसरे और तीसरे चरण में ₹20000 और ₹50000 तक का ऋण प्रदान किया जाता है।

इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि डिजिटल लेनदेन को पुरस्कृत करने के उद्देश्य से ₹1200 तक का कैशबैक प्राइज भी दिया जाता है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह योजनाएं केंद्रीय क्षेत्र योजना है। इसमें ऋण राशि विभिन्न ऋणदाता संस्थाओं के द्वारा सीधे लाभार्थियों के खातों में वितरित की जाती है। योजना के तहत राज्यों को किसी प्रकार की निधि जारी नहीं की जाती है।

वहीं केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि इस योजना के तहत सबसे अधिक लाभुक उत्तर प्रदेश में है, जहां 12 लाख 40 हजार 522 फुटपाथ विक्रेताओं को यह ऋण प्रदान किया गया है।

वहीं दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है, जहां 7 लाख 32 हजार 346 फुटपाथ विक्रेताओं को इस योजना का लाभ मिला है।

झारखंड में कुल 72605 फुटपाथ विक्रेताओं को यह ऋण उपलब्ध कराया गया है। देशभर में इसके लाभुकों की संख्या 56 लाख 80 हजार 867 है।

केंद्रीय मंत्री ने सदन में यह भी बताया कि झारखंड में अब तक 24 जिले में 104 करोड रुपए की राशि ऐसे फुटपाथ विक्रेताओं के बीच वितरित की गई है।

जिसमें सबसे अधिक पूर्वी सिंहभूम में 17.5 करोड रुपए, उसके बाद रांची में 16.4 करोड रुपए, धनबाद में 15.3 करोड रुपए की राशि फुटपाथ विक्रेताओं को उपलब्ध कराई गई है।

केंद्रीय मंत्री ने सदन में यह भी बताया कि फुटपाथ विक्रेताओं को आईडी कार्ड या प्रमाण पत्र जारी करना राज्य सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत किया जाने वाला कार्य है।

उक्त अधिनियम के तहत सरकार पत्र विक्रेताओं की शिकायत में विवादों का निवारण करने के उद्देश्य से निवारण समिति गठित करने का अधिकार भी देती है।

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