अंग्रेजी नहीं आपको आनी चाहिए ये भाषाएं, देशों में नौकरियों की भरमार

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यूरोपीय श्रम बाजार में पकड़ बनाने के लिए स्थानीय भाषा में महारत की जरूरी है। यूरोपीय संघ में 82 प्रतिशत नौकरी संबंधी विज्ञापन उस देश की आधिकारिक स्थानीय भाषा में होते हैं। वहीं लगभग 14 प्रतिशत विज्ञापन ही अंग्रेजी में होते हैं।
यूरोप के किसी देश में जाने वाले प्रवासियों के लिए अंग्रेजी अहम है। लेकिन, श्रम बाजार में सफलतापूर्वक प्रवेश करने और बने रहने के लिए आधिकारिक स्थानीय भाषा का ज्ञान भी जरूरी है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओइसीडी) की स्किल्स आउटलुक 2023 रिपोर्ट के मुताबिक अंग्रेजी कई देशों में नौकरी पाने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए एक उपयोगी कौशल है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि यूरोपीय संघ में 82 प्रतिशत नौकरी संबंधी विज्ञापन उस देश की आधिकारिक स्थानीय भाषा में होते हैं। वहीं लगभग 14 प्रतिशत विज्ञापन ही अंग्रेजी में होते हैं।

परिणाम दर्शाते हैं कि जब तक व्यक्ति किसी देश में प्रयोग की जाने वाली आधिकारिक भाषा को नहीं जानता, उसके लिए रोजगार के अवसर सीमित रह जाते हैं। जैसे पिछले साल फ्रांस में लगभग 98 प्रतिशत रिक्तियों के लिए फ्रेंच भाषा में ही विज्ञापन दिए गए जबकि केवल 1.66 प्रतिशत विवरण अंग्रेजी में थे। इसी तरह जर्मनी में लगभग 96 प्रतिशत पोस्टिंग जर्मन में होती हैं, जबकि केवल 3.38 प्रतिशत में अंग्रेजी का उपयोग होता है।

दूसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी भी जरूरी

किसी भाषा में लिखे गए नौकरी के विज्ञापन के लिए उस भाषा का ज्ञान आवश्यक होता है। उदाहरण के लिए अगर नीदरलैंड्स में कोई विज्ञापन अंग्रेजी में लिखा गया है, तो यह भाषा आना जरूरी है। भले ही यह आवश्यकता उस विज्ञापन में स्पष्ट न की गई हो। स्थानीय आधिकारिक भाषा यूरोप में आमतौर पर एक अनिवार्य शर्त है, लेकिन कई मामलों में दूसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी का ज्ञान अभी भी आवश्यक है। रिपोर्ट में पाया गया कि अंग्रेजी का ज्ञान 2021 में यूरोपीय देशों में ऑनलाइन जॉब्स के लिए छठा सबसे आवश्यक कौशल था।

स्थानीय भाषा के जानकार बढ़े

पिछले साल यूरोपीय संघ में रहने वाले 20-64 वर्ष की आयु के 61.9 फीसदी गैर-यूरोपीय संघ के नागरिक स्थानीय नौकरियों में कार्यरत थे। यूरोपीय संघ में वर्तमान में 24 आधिकारिक भाषाएं हैं। समय के साथ-साथ यूरोपीय देशों में ऐसे प्रवासियों की तादाद बढ़ती गई है, जो अपनी मातृभाषा के साथ-साथ आधिकारिक स्थानीय भाषा भी जानते हैं। अन्य देशों में भी नौकरियों में आधिकारिक स्थानीय भाषा को महत्त्व दिया जाता है। जैसे जापान में विदेशियों को काम करने के लिए जापानी भाषा दक्षता परीक्षा (जेएलपीटी) को पास करना होता है। इसी तरह की परीक्षा दक्षिण कोरिया में भी होती है।

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