भारत में मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान, जबकि अमेरिका में रह सकती है स्थिर – aajkhabar.in

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इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों की चाल व्यापक आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक रुझानों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति बैठक के नतीजों से तय होगी। विश्लेषकों ने ऐसी संभावना जताई है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ”आगामी सप्ताह में…

नई दिल्ली । इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों की चाल व्यापक आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक रुझानों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति बैठक के नतीजों से तय होगी। विश्लेषकों ने ऐसी संभावना जताई है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ”आगामी सप्ताह में कई महत्वपूर्ण आंकड़े आने हैं।

भारत और अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़ों सहित महत्वपूर्ण सूचनाओं पर बाजार की नजर रहेगी। भारत में मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान है जबकि अमेरिका में मुद्रास्फीति स्थिर रह सकती है।”
नायर ने कहा कि भारत में औद्योगिक और विनिर्माण उत्पादन के आंकड़े भी इस सप्ताह आने वाले हैं।

इसके अलावा फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक के नतीजे बाजार की भावनाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण होंगे। बीते शुक्रवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 303.91 अंक यानी 0.44 प्रतिशत बढ़कर 69,825.60 के अपने नए शिखर पर पहुंच गया। दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सूचकांक निफ्टी ने 21,000 का अहम मुकाम पार किया और शुक्रवार को कारोबार के दौरान 21,006.10 के नए उच्च स्तर पर भी पहुंच गया। इस संदर्भ में नायर ने कहा कि घरेलू जीडीपी वृद्धि का आंकड़ा मजबूत रहने से बाजार का भरोसा बढ़ा है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा, ”बाजार के लिए एक और सप्ताह उत्साह से भरा रहा और सूचकांक में लगभग साढ़े तीन प्रतिशत की बढ़त हुई।” वैश्विक रुझान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लिवाली, विधानसभा चुनावों के नतीजों और नीतिगत दर पर आरबीआई के फैसले से पिछले सप्ताह बाजार में तेजी रही। तीन प्रमुख राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा के सत्ता में आने और मजबूत आर्थिक वृद्धि के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने के पहले छह कारोबारी सत्रों में ही इक्विटी बाजारों में 26,505 करोड़ रुपए का निवेश किया है। मिश्रा ने कहा, ”हम अत्यधिक खरीदारी के बावजूद बाजारों पर अपना सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए हुए हैं और प्रतिभागियों को गिरावट पर खरीदारी के अवसरों की तलाश करने का सुझाव देते हैं।”

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