कब है महाशिवरात्रि? जाने तिथि व मुहूर्त, महत्व
नई दिल्ली। नया साल आने वाला है और नए साल की शुरुआत लोहड़ी के त्योहार से होती है। फिर इसके बाद मकर संक्रांति, पोंगल और महाशिवरात्रि जैसे बड़ै त्योहार आएंगे। जिनका बेसब्री से इंतजार किया जाता है।
महाशिवरात्रि के दिन देवो के देव महादेव का पूजन किया जाता है और जिस पर महादेव की कृपा होती है उसके जीवन में आ रहे सभी दुख दूर हो जाते हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और मां पार्वती का पूजन करने से दांपत्य जीवन में भी खुशहाली आती है। आइए जानते हैं नए साल 2024 में किस दिन रखा जाएगा महाशिवरात्रि का व्रत?
महाशिवरात्रि 2024 कब है?
हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है और इस पर्व को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन सुबह से ही मंदिरों जलाभिषेक के लिए भक्तों की लंबी लाइन लग जाती है। पंचांग के अनुसार इस साल फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी 8 मार्च को रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर होगा। 8 मार्च की रात्रि को चतुर्दशी तिथि है और इसलिए 8 मार्च 2024, शुक्रवार के दिन महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। महाशिवरात्रि की पूजा वैसे सूर्योदय से लेकर दिन में कभी भी की जा सकती है। लेकिन निशिता काल में की गई पूजा का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार निशिता पूजा का मुहूर्त 8 मार्च को देर 12 बजकर 7 मिनट से लेकर मध्य रात्रि 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।
महाशिवरात्रि का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती का भी पूजन किया जाता है और इसका विशेष महत्व माना गया है। कहते हैं कि यदि कोई दंपत्ति इस दिन मिलकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करें और उपवास रखें तो दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही माता पार्वती महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले जातक पर भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है और जीवन में आ रहे संकटों से भी छुटकारा मिलता है। महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र, धतूरा, भांग और शमी के पत्ते भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं। कहते हैं कि महाशिवरात्रि का व्रत जातकों की मनोकामना पूरी करता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। आज खबर।इन इसकी पुष्टि नहीं करता। इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें।