बुधवार के दिन इन कामों को करन से प्रसन्‍न होते हैं भगवान गणेश, आप भी जरूर जान लें

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धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश जी (Lord Ganesh Ji) का आह्वान किया जाता है। बिना गणेश पूजा (worship) के कोई भी कार्य निर्विघ्न पूरा नहीं हो सकता है। हिंदू धर्म में श्री गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा मान्यता है कि बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा (Lord Ganesh Puja) निष्ठा और श्रद्धापूर्वक करने से उनकी किस्मत संवर जाती है। इतना ही नहीं, बुधवार (Wednesday) के दिन गणेश पूजा से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि(peace and prosperity) का विकास होता है।

मान्यता है कि भगवान गणेश जी को उनकी प्रिय चीज पूजा के दौरान अर्पित की जाएं, तो वे बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और मुंह मांगा फल देते हैं। कहते हैं कि हर बुधवार गणेश पूजा के दौरान उन्हें मोदक, दुर्वा अवश्य भेंट करें। अगर आप भी भगवान गणेश की कृपा पाना चाहते हैं तो इन आसान उपायों को अपनाकर और इन बातों को ध्यान में रखकर कृपा पा सकते हैं।

गणेश पूजा के समय इन बातों का रखें ध्यान (Ganesh Puja Keep These Points In Mind)
– बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन विधि-विधान के साथ उनकी पूजा करने से भगवान की कृपा पाई जा सकती है। कहते हैं कि गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए नियमित रूप से उन्हें दुर्वा और मोदक भेंट करें। अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि दुर्वा हमेशा गणेश जी के मस्तक पर अर्पित करनी चाहिए। इससे वे बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

-घर के मुख्य दरवाजे पर शमी पेड़ (Shami tree) लगाने और उसकी विधि पूर्वक पूजा करने से भगवान गणेश जी भी प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से घर में समस्याओं का अंत होता है और खुशियों का आगमन होता है।

-धार्मिक मान्यता है कि सिर्फ अक्षत और दुर्वा से भी गणेश जी को प्रसन्न किया जा सकता है। इसके लिए पूजा में अक्षत यानी चावल और दुर्वा (घास) जरूर शामिल करें।

– कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति भगवान गणेश की निरंतर एकाग्रचित होकर पूजा करता है, तो उसके जीवन में धैर्य का आगमन होता हैं।

इन मंत्रों का भी करें जाप (Do These Ganesh Mantra Jaap )
1.गणेश जी के मंत्र
ॐ गं गणपतये नम:
वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ। निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

2.

गजाननं भूतगणाधिसेवितं,

कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम्।

उमासुतं शोकविनाशकारकम्न,

मामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥

3.

कृपा करो गणनाथ

प्रभु-शुभता कर दें साथ।

रिद्धि-सिद्धि शुभ लाभ

प्रभु, सब हैं तेरे पास।।

नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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