कब है तुलसी पूजन दिवस? सनातन धर्म में तुलसी की पूजा का धार्मिक महत्व और नियम
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- नई दिल्ली। सनातन धर्म में तुलसी की पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है। कई लोग अपने दिन की शुरुआत तुलसी के पौधे को जल चढ़ाकर और प्रार्थना करके करते हैं। इस साल तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास होता है और उनकी पूजा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। अगर आप सुख-शांति की कामना करते हैं, तो आपको मां तुलसी का पूजन अवश्य करना चाहिए।
- तुलसी नामाष्टक
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम। य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।। - तुलसी पूजा निय
- सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
तुलसी को जल चढ़ाएं।
सिन्दूर और रोली का टीका लगाएं।
मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
फल और मिठाई का भोग लगाएं।
तुलसी स्तोत्र का पाठ करें।
अंत में आरती से पूजा का समापन करें।
आशीर्वाद के रूप में तुलसी के बीजों की माला धारण करें। - तुलसी पूजन का महत्व
तुलसी पूजन दिवस का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। यह देवी तुलसा की पूजा करने का एक पवित्र दिन है। इस दिन, कुछ लोग पूजा करने से पहले नए तुलसी के पौधे लगाते हैं, जबकि कुछ लोग अपने घरों में पहले से लगे पौधों की पूजा करते हैं। तुलसी अपने अचूक औषधीय गुणों के लिए पहचानी जाती हैं। - उनकी पूजा से परिवार में धन, समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। मां तुलसी को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और उन्हें हरि प्रिया भी कहा जाता है। ऐसे में तुलसी पूजन बेहद महत्वपूर्ण है।