इसरो ने एक्सपोसेट लांच कर बना डाला इतिहास, ब्लैक होल के रहस्‍य करेगा उजागर

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श्रीहरिकोटा। वर्ष 2024 के पहले दिन सोमवार सुबह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक्सपोसेट (एक्स-रे पोलारिमीटर सेटेलाइट) लांच कर इतिहास रच दिया है। इस सफलता के बाद इसरो ब्‍लैक होल का राज खुलने भी जल्‍द सफलता पाएगा।
श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर इसे लांच कर भारत ऐसा करने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है। एक्सपोसेट ब्लैक होल के रहस्य का पता लगाएगा। दरअसल, वेधशाला को एक्सपोसेट या एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट कहा जाता है। एक साल से भी कम समय में यह भारत का तीसरा मिशन है। भारत अब एक उन्नत खगोल विज्ञान वेधशाला लॉन्च करने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है। इसे विशेष रूप से ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के अध्ययन के लिए तैयार किया गया है।
ब्लैक होल के राज सामने आएंगे
एक साल से भी कम समय में यह भारत का तीसरा मिशन है। इसरो के ब्लैक होल मिशन का उद्देश्य ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों का अध्ययन करना है। इस बीच, भारत अमेरिका के बाद ब्लैक होल का अध्ययन करने के लिए ‘वेधशाला’ रखने वाला दूसरा देश बन गया है। एक्स-रे फोटोन और उनके ध्रुवीकरण का उपयोग करते हुए, यह मिशन एक्स.पी.ओ.एस.ए.टी. यह आस-पास के ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों से विकिरण का अध्ययन करने में मदद करेगा। इसके दो पेलोड हैं – पोलेक्‍स (एक्स-रे पोलारिमीटर उपकरण) और एक्‍सपेक्‍ट (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग)।
ब्लैक होल मिशन’ का सफल प्रक्षेपण
नए साल के दिन, भारत ने ब्रह्मांड के सबसे पुराने रहस्यों में से एक: ब्लैक होल को सुलझाने के लिए एक नया मिशन शुरू किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने सुबह 9:10 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से एक्‍सपोसेट को लॉन्च किया। 260 टन वजनी ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ने आज अपनी 60वीं उड़ान शुरू की। इस रॉकेट में उन्नत खगोल भौतिकी है।

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