तीसरी बार कर्नाटक में स्कूली बच्चे से साफ करवाया टॉयलेट; प्रिंसिपल निलंबित
नई दिल्ली । कर्नाटक में स्कूली बच्चों से टॉयलेट साफ करवाने की घटनाएं रोके नहीं रुक रही हैं। इस महीने ऐसी तीसरी घटना सामने आई है। ताजा मामला राज्य के शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा के गृह जिले शिवमोगा का है। यहां के एक स्कूल में स्कूली बच्चे का टॉयलेट साफ करता हुआ एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद बच्चों के माता-पिता गुस्से में हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि यह वीडियो पिछले हफ्ते का है लेकिन अब वह वायरल हो रहा है। शिवमोगा जिले के भद्रावती तालुक में एक सरकारी स्कूल में ये घटना हुई है। स्कूल ने अपनी सफाई में कहा है कि छठी क्लास में पढ़ने वाले बच्चे से टॉयलेट में सिर्फ पानी डालने को कहा गया था, उसे साफ करने को नहीं। शिक्षा विभाग ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूल के प्रिंसिपल शंकरप्पा को सस्पेंड कर दिया है। अधिकारी के मुताबिक, ये घटना शनिवार की है।
बता दें कि पिछले हफ्ते राज्य की राजधानी बेंगलुरु के एक सरकारी स्कूल के छात्रों को भी शौचालय साफ करते हुए पाया गया था। तब उग्र अभिभावकों और कार्यकर्ताओं ने शहर के आंद्रहल्ली इलाके में स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। आंद्रहल्ली मामले को शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने “निंदनीय” घटना करार दिया था। मंत्री, जो कल देर रात एक कार दुर्घटना में घायल हो गए थे, लेकिन सुरक्षित हैं, ने अभी तक अपने गृह जिले की इस घटना पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बेंगलुरु की घटना पर तब मंत्री बंगरप्पा ने कहा था, “…इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा, मैं सुनिश्चित करूंगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों… और यह सुनिश्चित करूंगा कि हमारे विभाग द्वारा सभी आवश्यक कार्रवाई की जाए।” बावजूद इसके उनके ही गृह जिले में ऐसी घटना हुई है।
बेंगलुरु हादसे के बाद, शिक्षा विभाग ने स्कूल के प्रधानाध्यापक को भी निलंबित कर दिया था। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने उन लोगों को चेतावनी दी थी, जो बच्चों को ऐसे काम करने के लिए मजबूर करते हैं।
बेंगलुरु और शिवमोगा की घटनाओं से पहले, कोलार जिले के एक आवासीय विद्यालय के प्रिंसिपल और एक शिक्षक को भी ऐसे ही मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। वहां दलित छात्रों से सेप्टिक टैंक की सफाई करवाई गई थी। इस वीडियो के सामने आने के बाद सरकार ने चार संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था। एक अन्य वीडियो में छात्रों को घुटनों के बल बैठे और भारी बैग को ले जाते हुए देखा गया था।
वह वीडियो मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालय का था, जिसमें 243 छात्र पढ़ते हैं। उनमें से चार को सजा के तौर पर टैंक में उतरकर अपने हाथों से उसे साफ करने के लिए कहा गया था। उस विजुअल्स से लोगों में आक्रोश फैल गया थी और तब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हस्तक्षेप करना पड़ा था।