चीन में भूकंप से मरने वालों का बढ़ रहा है आंकड़ा, अब तक 111 लोगों की मौत
बीजिंग। चीन के गांसु प्रांत में भूकंप आने से 111 लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आई है । इससे पहले यह आंकड़ा सौ से कम था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीत रहा है मरनेवालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है । यहां पर आए रिक्टर पैमाने पर 6.2 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद अनेक घर ढह गए।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अधिकारियों ने चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र के हवाले से बताया कि भूकंप सोमवार रात 11.59 बजे आया था। इसकी गहराई 10 किमी बताई जा रही है। भूकंप का केंद्र लिउगौ टाउनशिप, लिनक्सिया हुई स्वायत्त प्रान्त, गांसु में जिशिशान बाओआन, डोंगज़ियांग, सालार स्वायत्त काउंटी की काउंटी सीट से लगभग 8 किमी दूर है। भूकंप किंघई के ज़िनिंग और हैडोंग शहरों में भी ज़ोर से महसूस किया गया, जहां कुछ घर ढह गए और उनमें दरारें आ गईं। हालांकि गांसु और पड़ोसी किंघई से लोगों के मरने की सूचना भी मिली है।
इसी दौरान प्रांतीय अग्निशमन और बचाव विभाग ने 88 अग्निशमन गाड़ियों, 12 खोजी और बचाव कुत्तों, 10,000 से अधिक उपकरणों के साथ 580 बचावकर्मियों को आपदा क्षेत्र में भेज दिया है। इधर रेलवे प्राधिकरण ने भूकंप क्षेत्र से गुजरने वाली यात्री और मालवाहक ट्रेनों को रोक दिया है और पटरियों की सुरक्षा जांच के आदेश दिये हैं। दहेजिया टाउनशिप में सुबह तापमान शून्य से 16 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया है। कड़ाके की सर्दी के बावजूद एक स्थानीय अस्पताल में 140 से अधिक चिकित्सा कर्मचारी घायलों की देखभाल में लगे हुए हैं। वहीं राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गांसु में आए भूकंप से पूर्ण बचाव प्रयास करने का आदेश दिया है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि खोज और बचाव करने, घायलों का समय पर इलाज करने और हताहतों की संख्या को कम करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। बता दें कि गांसु, चीन के सबसे गरीब क्षेत्रों में से एक, तिब्बती और लोएस पठारों के बीच स्थित है और इसकी सीमा मंगोलिया से लगती है। चीन एक ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहां कई टेक्टोनिक प्लेटें, विशेष रूप से यूरेशियन, भारतीय और प्रशांत प्लेटें मिलती हैं, और विशेष रूप से यहां पर भूकंप का खतरा बना है।