सीटों और डिमांड ही नहीं कई मुद्दों को लेकर बयानी जंग जारी, गठबंधन की बैठक से पहले इन नेताओं कही ये बात
नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में 19 दिसंबर यानी आज विपक्षी इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं की चौथी बैठक होनी है. इंडिया गठबंधन की इस चौथी बैठक से पहले गठबंधन के कोऑर्डिनेटर से लेकर सीटों की डिमांड तक, कई मुद्दों को लेकर बयानी जंग भी जारी है। इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के कुछ नेताओं के ऐसे बयान सामने आए हैं, जिन्हें लेकर अब ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या दल मिल रहे हैं, दिल नहीं?
पश्चिम बंगाल में हम अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं
सबसे पहले बात लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी की. अधीर ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में हम अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हर जगह हम अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस भी एक घटक दल है लेकिन अपनी-अपनी पार्टियां तो हैं ही. अधीर ने सीट शेयरिंग को लेकर यह भी कहा है कि सबकी अपनी-अपनी मांग होगी. इसे पश्चिम बंगाल में टीएमसी और आम आदमी पार्टी के साथ दिल्ली में सीट शेयरिंग की चर्चा से जोड़कर देखा जा रहा है।
बगैर कोऑर्डिनेटर के एक चेहरा नहीं हो सकता
वहीं, शिवसेना यूबीटी के प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गठबंधन के कोऑर्डिनेटर का राग अलाप दिया है. इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंचे उद्धव ने कहा है कि अब समय आ गया है जब हम सभी को साथ बैठकर एक कोऑर्डिनेटर पर फैसला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि बगैर कोऑर्डिनेटर के एक चेहरा नहीं हो सकता. उद्धव के बयान से पहले शिवसेना के मुखपत्र सामना ने अपने संपादकीय में कहा कि इंडिया गठबंधन को मोदी के खिलाफ एक चेहरे की, एक संयोजक की जरूरत है।
शिवसेना यूबीटी सांसद अनिल देसाई ने भी इसे लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा है इंडिया गठबंधन में 29 पार्टियां शामिल हैं. अब एक चेहरे की जरूरत है जो इन सभी दलों से कोऑर्डिनेट करे और आने वाले चुनाव, अन्य चीजों को लेकर निर्णय ले. अनिल देसाई ने ये भी कहा कि संपादकीय में जो लिखा गया है, वह वैसा ही जैसी चर्चा मीटिंग में एक नेता की ओर से होनी है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने सीट शेयरिंग पर चर्चा की मांग की
शिवसेना यूबीटी की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि सामना सच सामने रखने में चूकता नहीं है. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में अगर कमियां हैं कुछ तो उसको सामने रखा है. प्रियंका चतुर्वेदी ने सीट शेयरिंग पर चर्चा की मांग की और कहा कि अब निर्णायक कदम उठाना ही पड़ेगा. वहीं, जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने भी सामना के संपादकीय का समर्थन किया है।
केसी त्यागी ने कहा है कि हम एक साल बर्बाद कर चुके. बीजेपी बूथ लेवल पर काम कर रही है, हम अभी भी अपने मतभेद दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि बैठक के दिन कड़वे शब्द नहीं बोलना चाहता लेकिन सीट शेयरिंग से लेकर चुनाव प्रचार के नेतृत्व तक निर्णय क्षेत्रीय क्षत्रपों को ही करना है. केसी त्यागी ने ये भी कहा कि नीतीश कुमार ने अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी जैसे नेताओं को कांग्रेस के साथ एक मंच पर लाकर असंभव को संभव कर दिखाया था।
इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार ही स्वच्छ छवि वाले नेता
जेडीयू विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि नीतीश को पीएम कैंडिडेट घोषित कर देने पर ही फायदा होगा. इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार ही स्वच्छ छवि वाले नेता है. जेडीयू विधायक ने कहा कि नीतीश की छवि ईमानदार नेता की है. अगर कोई और चेहरा सामने आएगा तो हम चुनाव हार जाएंगे।
बिहार सरकार में जेडीयू कोटे से मंत्री जमा खान ने नीतीश कुमार की पीएम उम्मीदवारी को जनता की पुकार बताते हुए कहा है कि ये देश चाहता है. उन्होंने कहा कि बिहार के बाहर कई राज्यों में भी नीतीश कुमार की मांग है. जमा खान ने कहा कि करोड़ों लोग ये चाहते हैं कि नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचें और देश संभालें. उन्होंने ये भी कहा कि लोकतंत्र बचाना होगा तो नीतीश कुमार को आगे आने होगा. नीतीश कुमार को पीएम फेस होना ही चाहिए।