मंत्री गिरिराज सिंह का हिंदुओं से आग्रह,कहा-हलाल मांस का सेवन न करें, बल्कि विशेष रूप से ‘झटका’ मांस खाना चाहिए

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नई दिल्‍ली । केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को हिंदुओं से आग्रह किया कि वे हलाल मांस का सेवन न करें, बल्कि विशेष रूप से ‘झटका’ मांस का सेवन करें, जो एक ही वार में जानवरों को मारने से प्राप्त होता है।

बिहार में अपने संसदीय क्षेत्र बेगुसराय में जनता को संबोधित करते हुए, वरिष्ठ भाजपा नेता ने हिंदू आहार रीति-रिवाजों के पालन पर जोर दिया और अपने समर्थकों को हलाल मांस खाने के खिलाफ प्रतिज्ञा करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके बारे में उनका मानना ​​है कि यह उनके ‘धर्म’ या मजहब से समझौता करता है। हलाल मांस खाकर खुद को भ्रष्ट न करें सिंह ने कहा, “मैं उन मुसलमानों की प्रशंसा करता हूं जो केवल हलाल मांस का सेवन करना तय करते हैं। अब हिंदुओं को अपनी धार्मिक परंपराओं के प्रति इसी तरह की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “हत्या करने का हिंदू तरीका झटका है। जब भी हिंदू ‘बलि’ (पशु बलि) देते हैं, तो वे एक ही झटके में ऐसा करते हैं।

इसलिए, उन्हें हलाल मांस खाकर खुद को भ्रष्ट नहीं करना चाहिए। उन्हें हमेशा झटका पर कायम रहना चाहिए।” मंत्री ने एक नए बिजनेस मॉडल की ओर बदलाव का भी प्रस्ताव रखा, जिसमें केवल ‘झटका’ मांस बेचने के लिए समर्पित खुदरा दुकानों की स्थापना की जाएगी। कुछ हफ्ते पहले, सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था, जिसमें उनसे उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा निर्धारित उदाहरण का पालन करने और “हलाल” लेबल वाले खाद्य उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था। स्थानीय लोगों से बात करते हुए, उन्होंने हिंदुओं से शाम को जब भी खाली समय हो, मंदिर जाने का आग्रह किया और कहा कि “कोई भी धर्म ‘सनातन धर्म’ या हिंदू धर्म जितना अच्छा नहीं है।” राहुल पर साधा निशाना गिरिराज ने संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में भी बात की।

जिसमें हाल ही में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि संसद में सुरक्षा चूक होने की वजह महंगाई और बेरोजगारी है। इस पर गिरिराज ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब राहुल टुकड़े-टुकड़े गैंग के प्रति अपनी सहानुभूति दिखा रहे है। वह पहले भी ऐसा कर चुके हैं, जिन्होंने JNU में राजद्रोही नारे लगाए थे। उन्हेंने साथ ही कहा कि राहुल अफजल गुरु की बरसी पर JNU भी जाते हैं।

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