भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) अंतिम चरण में,मोबिलिटी और माइग्रेशन से मसलों को लेकर साध रहे संतुलन
नई दिल्ली । भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता अंतिम चरण में पहुंच रहा है। ऐसे में दोनों देश आवाजाही और आव्रजन से जुड़े मसलों पर अपनी चिंता को लेकर संतुलन बनाने में लगे हुए हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, ‘अमेरिका की आव्रजन की चिंता और हमारी आवाजाही की चिंता के बीच संतुलन बनाना होगा।
मसला यह है कि हम चाहते हैं कि हमारी कंपनियों को आवाजाही की सुविधा मिले, जिससे उनका प्रदर्शन बेहतर रहे और उनकी चिंता है कि आव्रजन के मसले को बगैर निगरानी के नहीं छोड़ा जा सकता है।’ उन्होंने आगे कोई ब्योरा नहीं दिया, क्योंकि यह बातचीत गोपनीय है।
पेशेवरों की आवाजाही के लिए सरल वीजा मानक भारत की प्रमुख मांग में से एक है। इस मसले पर दोनों देशों में सहमति बनना बाकी है। यह चर्चा इसलिए और महत्त्वपूर्ण हो गई है क्योंकि ब्रिटेन ने हाल में अपनी आव्रजन नीति सख्त करने की घोषणा की है। पेशेवरों की आवाजाही के अलावा ब्रिटेन की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों, व्हिस्की, जिन के लिए बाजार तक व्यापक पहुंच की मांग सहित कुछ अन्य मसले हैं, जिन पर सहमति बननी है।
मतभेद दूर करने के लिए ब्रिटेन का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत आया था वहीं अब भारत का एक प्रतिनिधिमंडल आगे की बातचीत के लिए लंदन में है। दोनों देशों ने दीवाली के पहले समझौते का लक्ष्य रखा था, जो पूरा नहीं हो सका। दोनों देशों में अगले साल चुनाव होने हैं, ऐसे में व्यापार समझौते के लिए वक्त कम रह गया है।
अन्य एफटीए
अधिकारी ने कहा कि भारत ओमान एफटीए के ज्यादातर अध्यायों पर बातचीत पूरी हो चुकी है। अब तक दो दौर की बाचचीत हुई है। वाणिज्य विभाग ने इस समझौते को माह के अंत तक पूरा करने का आंतरिक लक्ष्य रखा है।