किसान आंदोलन में शामिल थी संसद में बवाल काटने वाली नीलम,चारों लोगों की पहचान हो गई

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लोकसभा की कार्यवाही के दौरान कूदने और धुआं फैलाने वाले दो लोगों की पहचान सागर शर्मा और डी. मनोरंज के तौर पर हुई। सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है। नीलम हिसार की है और किसान आंदोलन में भी थी।
संसद भवन पर आतंकी हमले की बरसी के दिन लोकसभा के अंदर कूदने वाले और बाहर नारेबाजी कर बवाल करने वाले चारों लोगों की पहचान हो गई है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से कूदने और धुआं फैलाने वाले दो लोगों की पहचान सागर शर्मा और डी. मनोरंजन के तौर पर हुई। सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है। उसके पिता का नाम शंकरलाल शर्मा है। वहीं डी. देवराज कर्नाटक के मैसुरु का रहने वाला है। दोनों को सांसदों ने पकड़ लिया था और फिर सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया था। संसद के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कार्यवाही के बीच कोई बाहरी शख्स घुस आया हो और इस तरह से बवाल काट दिया।

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संसद परिसर के बाहर ‘तानाशाही बंद करो’ के नारे लगाने वाली नीलम और अमोल शिंदे की भी पहचान हो गई है। 42 वर्षीय नीलम हिसार की रहने वाली है, जबकि 25 साल का अमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातूर जिले का है। इनके बारे में अब तक पुलिस ने जो बताया है उसके मुताबि मनोरंजन ने कंप्यूटर साइंस की डिग्री मैसुरु के ही एक कॉलेज से ली है। इसके अलावा नीलम सिविल सर्विस की तैयारी कर चुकी है। नीलम के भाई का कहना है कि वह 2020 में हुए एक साल लंबे किसान आंदोलन में भी बेहद सक्रिय थी। हालांकि वह किसी राजनीतिक दल से जुड़ी हुई नहीं है।

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इन चारों लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस की ऐंटी-टेरर सेल इन लोगों के खिलाफ जांच कर रही है। शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों से सभी चीजें बरामद कर ली गई हैं, जिनका इस्तेमाल हुआ था। इसके अलावा ये लोग कैसे अंदर तक पहुंच गए और कहां ठहरे थे, किससे मिले थे, सभी चीजों की जांच की जा रही है। फिलहाल खबर है कि ये लोग सांसद प्रताप सिम्हा के लेटर पर पास जारी करा कर आए थे। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का कहना है कि सदन भी इस घटना की जांच करा रहा है। दोनों के पास भी बरामद हो गए हैं। इनसे पता चलता है कि प्रताप सिम्हा के दफ्तर से जारी लेटर के आधार पर ये जारी हुए थे।

कौन हैं भाजपा सांसद प्रताप सिन्हा, जिनके लेटर पर मिला पासबता दें कि प्रताप सिम्हा कर्नाटक के मैसुरू से भाजपा के सांसद हैं। गौरतलब है कि आज सुबह ही पीएम नरेंद्र मोदी, सोनिया गांधी समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने संसद पर हमले के शहीदों को नमन किया था। ऐसे में बरसी के ही दिन इस तरह की सुरक्षा चूक चौंकाने वाली है और इससे सवाल भी खड़े होते हैं। फिलहाल यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि संसद में बवाल काटने के पीछे इन लोगों का क्या मकसद था। संसद परिसर के बाहर नीलम और अमोल तो तानाशाही बंद करो के नारे लगा रहे थे।

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