सोशल कॉमर्स व्यापार एवं अर्थव्यवस्था के मजबूत विकास के लिए तैयार
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जयपुर । सोशल मीडिया पर 450 मिलियन से अधिक लोगों का एक बड़ा आधार होने के कारणए भारत में सोशल कॉमर्स व्यापार एवं अर्थव्यवस्था के मजबूत विकास के लिए तैयार है और ऐसे में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के स्वामित्व वाली कंपनी मेटा के साथ मिलकर देश भर में व्यापारियों को सोशल मीडिया के जरिए भी व्यापार करने का एक राष्ट्रीय ट्रेनिंग अभियान ‘व्यापार आपके द्वार’ के अन्तर्गत आज जयपुर में एक ट्रेनिंग वर्कशॉप आयोजित की गई जिसमें शहर के प्रमुख व्यापारी संगठनों के 200 से अधिक व्यापारी नेताओं ने भाग लिया।
वर्कशॉप की अध्यक्षता कैट के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष गोयल ने की। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल, प्रदेश चेयरमैन सुरेश पटोदिया, प्रदेश महामंत्री सुरेन्द्र बज, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष सीमा सेठी, जयपुर अध्यक्ष सचिन गुप्ता आदि भी मौजूद थे।
2030 तक 85 बिलियन डॉलर होगा
खंडेलवाल ने कहा कि इस ट्रेनिंग के माध्यम से व्यापारियों को फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सप एवं रील द्वारा अपने व्यापार में वृद्धि करने की ट्रेनिंग दी जाएगी जिससे भारत मे सोशल कॉमर्स को बढ़ावा मिल सके। भारत में सोशल कॉमर्स का वर्तमान वार्षिक कारोबार 8 बिलियन डॉलर है, जिसके वर्ष 2030 तक 85 बिलियन डॉलर के आंकड़े को छूने का अनुमान है। गोयल ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री और खरीद को सोशल कॉमर्स के रूप में जाना जाता है और विशेष रूप से व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम को इसकी व्यापक पहुंच और करोड़ों लोगों द्वारा इनके लगातार उपयोग को अब कैट व्यापार के लिए उपयोग करेगा।
सौ करोड़ उपयोगकर्ता
सुरेन्द्र बज ने कहा कि वर्तमान में भारत में व्हाट्सएप पर 75 करोड़, फेसबुक पर 37 करोड़ और इंस्टाग्राम पर 33 करोड़ उपयोगकर्ता हैं, जो ई-कॉमर्स परिदृश्य की तुलना में बहुत बड़ी संख्या है और लगभग 100 करोड़ लोग देश में स्मार्ट फोन का उपयोग करते हैं। सुरेश पटोदिया ने कहा कि सोशल कॉमर्स को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि इसमें खरीदारी को सरल बनाया गया हैए स्केलेबल ट्रस्ट.बिल्डिंग, स्मार्ट क्यूरेशन, विक्रेताओं के लिए उपकरण, नए उपभोक्ता की ढूंढ आसानी से होना, उच्च मूल्य श्रेणियों की फिर से कल्पना करना और सोशल-कॉमर्स पारिस्थिति की तंत्र के लिए सक्षम बनाना है। इसीलिए आने वाले समय में सोशल कॉमर्स ई-कॉमर्स को कहीं पीछे छोड़ देगा।