भारत सीरीज़ हारा, लेकिन युवा खिलाड़ियों चेहरों ने दिखाया दम

0

श्रेयंका पाटिल एक समय हैट्रिक पर थींश्रेयंका पाटिल एक समय हैट्रिक पर थीं
दो दिन पहले ही भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा था कि उन्हें नए चेहरों पर विश्वास रखना चाहिए और ये नए चेहरे, श्रेयंका पाटिल और साइका इशाक़, अपने कप्तान के इस भरोसे पर कायम उतरीं।

युवा अमनजोत कौर ने भी पार्टी में हिस्सा लिया और दो विकेट लेने के साथ-साथ कुछ महत्वपूर्ण रन भी बनाए। इसके अलावा इन युवा खिलाड़ियों ने सीरीज़ के दौरान कुछ बेहतरीन कैच भी लपके, जो दिखाता है कि भारत की यह युवा पीढ़ी टी20 की ऑलराउंड खेल के लिए तैयार है।मज़ूमदार: हम फ़ील्डिंग और फ़िटनेस से कोई समझौता नहीं करेंगे

हरमनप्रीत के अनुसार इशाक़ एक ‘बिंदास’ खिलाड़ी हैं, जो मैच के किसी भी दौर में गेंदबाज़ी करके विकेट चटका सकती हैं। रविवार को इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हुए तीसरे मैच के दौरान इशाक़ छठे ओवर में गेंदबाज़ी करने आईं और पहली ही गेंद पर एलिस कैप्सी को चलता किया। इसके बाद जब वह 12वें ओवर में गेंदबाज़ी के लिए आईं, तब उन्होंने अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहीं एमी जोंस को अपना शिकार बनाया। इसकी अगली गेंद पर डेब्यू कर रहीं डैनियल गिब्सन भी बोल्ड होकर पवेलियन में थीं।

इशाक़ हर बाउंड्री पर मुस्कुरा देती थीं, मानों उन्हें पता हो कि विकेट का मौक़ा बनने वाला है। उनका चुटीलेपन तरीके से मुस्कुराना उनकी बिंदास छवि को दिखाता है।डब्ल्यूपीएल में उन्होंने सच ही कहा था, “गेंदबाज़ हूं, विकेट लेने आई हूं।” तीन मैचों में सिर्फ़ 16 की औसत और 12 के स्ट्राइक रेट से पांच विकेट लेना, उनकी विकेट लेने की क्षमता को दिखाता है।

“तीन विकेट लेना मज़ाक नहीं है, मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है

इशाक़ की तरह ही श्रेयंका भी लगातार दो गेंदों पर दो विकेट लेकर हैट्रिक पर थीं। इसके बाद उन्होंने अगले ओवर में अपना तीसरा विकेट लिया। इशाक़ की तरह ही इसी सीरीज़ से अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू करने वाली श्रेयंका के नाम भी तीन मैचों में पांच विकेट दर्ज हुए और उन्हें अंतिम मैच में प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुना गया।

इशाक़ ने इंग्लैंड के मध्य क्रम को झकझोर दिया
सीरीज़ हारने के बावज़ूद भी भारत के लिए कई सकारात्मक चीज़ें इस सीरीज़ में रहीं। भारत की सबसे अनभुवी बल्लेबाज़ों स्मृति मांधना और जेमिमाह रॉड्रिग्स ने मुश्किल विकेटों पर अपना मज़बूत चरित्र दिखाया। स्मृति ने स्पिनरों के ख़िलाफ़ पैरों का प्रयोग किया, वहीं तेज़ गेंदबाज़ो के ख़िलाफ़ बाउंड्री बंटोरी। वहीं रॉड्रिग्स ने स्वीप का ख़ूब प्रयोग किया। हालांकि स्पिनरों के विरूद्ध भारतीय बल्लेबाज़ों का ना चल पाना एक चिंता का विषय है।

हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा, “विकेट बहुत मुश्किल था। ऑफ़ स्पिनरों की कुछ गेंद टर्न हो रही थी और कुछ सीधी रह रही थीं। एक बल्लेबाज़ी समूह के रूप में हमें लक्षित करना होगा कि हम किस गेंदबाज़ पर आक्रमण करें।”

इस सीरीज़ में तेज़ गेंदबाज़ रेणुका सिंह की वापसी भी भारत के लिए महत्वपूर्ण रहा, जिन्होंने तीनों मैचों में विकेट लेकर भारत को अच्छी शुरुआत दी। ये सकारात्मक बातें आगामी टी20 विश्व कप में भारत की मदद करेंगी। उनके नाम इस सीरीज़ में सर्वाधिक सात विकेट दर्ज हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed