केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2023 पारित , के लाभ
केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2023 बिल लोकसभा में पास हो गया है। ये बिल 1 अगस्त 2022 में पेश किया गया था। इस बिल में केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 में संसोधन का प्रावधान है। इस बिल को पास होने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे साथ ही इससे जनजाति वर्ग को विशेष फायदा होगा। पिछड़े, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के कल्याणों के लिए उठाए गए हैं। इस कदम के लिए पीएम मोदी ने भी सराहना की है। इस विधेयक के पास होने से शिक्षा का दायरा बढ़ेगा।
विश्वविद्यालय परिवहन, टेक्निक और मैनेजमेंट से संबंधित विषयों में बेहतर लेवल की शिक्षा, रिसर्च और दक्षता विकास करने का उपाय करेगा। अगर जरूरी हुआ तो विश्वविद्यालय भारत और विदेशों में अपने केंद्र भी स्थापित कर सकता है। बिल के उद्देश्यों और कारणों के कथन के अनुसार, विश्वविद्यालय की स्थापना से परिवहन क्षेत्र में प्रशिक्षित प्रतिभाओं की जरूरत पूरी होगी।
अलग-अलग राज्यों में शिक्षण और रिसर्च के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालयों का स्थापना की जाएगी। ये विधेयक राज्य व्यापी क्षेत्रिय अधिकार के साथ, स्पेशल तरीके से तेलंगाना में स्थापित होने वाले प्रस्ताविक ‘सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातिय यूनिवर्सिटी’के लिए द्वार खोलता है। इसे खासकर जनजातिय वर्ग के लिए लोगों के लिए शिक्षा में बेहतर रिसर्च और हायर एजुकेशन के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इस विधेयक का उद्देश्य जनजातिय कला, उनकी संस्कृति और रीति-रिवाजों के साथ-साथ तकनीकि सुधार में शिक्षा और रिसर्च की सुविधाएं दी जाएगी। केंद्रीय जनजातीय यूनिवर्सिटी देश की जनजाती समाज की सेवा और हायर एजुकेशन में अच्छी शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में आधुनिकता प्रदान करना है। ससंद के सदन में विधेयक पर बहस के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि सम्मक्का-सरक्का केंद्रीय जनजातीय यूनिवर्सिटी बनाने के प्रोजेक्ट का काम करीब नौ सो करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि तेलंगाना में 900 करोड़ में एक नए यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी।