पाकिस्तान में सरकारी कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली तो कार्यालयों में ताला जड़ा

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-हालिया पोस्टिंग और तबादलों को लेकर स्थानीय सरकारी विभाग के साथ टकराव

-2000 लोग हड़ताल पर चले गए और घोषणा की कि वे वेतन भुगतान के बाद लौटेंगे

पेशावर । पाकिस्तान में वेतन न मिलने पर भड़के सरकारी कर्मियों ने कामकाज रोक दिया व कार्यालयों को ताला लगा कर चले गए। पेशावर में मेयर जुबैर अली के संगठन में हालिया पोस्टिंग और तबादलों को लेकर स्थानीय सरकारी विभाग के साथ टकराव के बीच महानगरीय सरकार के कर्मचारियों ने नवंबर के वेतन के भुगतान में देरी के लिए इस मुद्दे को जिम्मेदार ठहराया। 2000 से अधिक लोग हड़ताल पर चले गए और घोषणा की कि वे वेतन भुगतान के बाद ही काम पर लौटेंगे।

महानगर सरकार के यूनाइटेड म्युनिसिपल वर्कर्स यूनियन ने हड़ताल का आह्वान किया था। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पेशावर के मेयर जुबैर अली ने उनके वेतन बिल पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था क्योंकि वह प्रांतीय सरकार द्वारा उनकी सहमति के बिना महानगरीय सरकार में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति से नाखुश थे। स्थानीय सरकारी विभाग ने हाल ही में पेशावर की महानगरीय सरकार के कई अधिकारियों में फेरबदल किया, जिनमें महानिदेशक, निदेशक (पूर्व), निदेशक (वित्त), निदेशक (प्रशासन और मानव संसाधन), निदेशक (टर्मिनल) और निदेशक (संपदा) शामिल हैं। यह फेरबदल महापौर को पसंद नहीं आया इसका काफ़ी विरोध भी किया और इस बात पर जोर दिया कि ये पोस्टिंग और स्थानांतरण पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ-सांसद के अध्यक्ष के साथ संबंधित अधिकारियों की संबद्धता पर किए गए थे। संघ के अध्यक्ष मलिक मोहम्मद नवीद अवान ने डॉन को बताया कि महापौर ने पूर्व के परामर्श के बिना बाद की पोस्टिंग पर महानिदेशक द्वारा उन्हें भेजे गए आधिकारिक मामलों से निपटने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि मेयर ने महानगर सरकार के कर्मचारियों को वेतन भुगतान की फाइल पर भी हस्ताक्षर नहीं किए और कार्रवाई नहीं की।

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