लाहौर में भारतीय सिख परिवार हुआ लुटेरों का शिकार, पुलिस की वर्दी में हथियार की नोंक पर लूटे गहने के साथ पैसे
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में पुलिस की वर्दी पहने लुटेरों ने एक भारतीय सिख परिवार के साथ लूटपाट की।
पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि कंवल जीत सिंह और उनके परिवार के सदस्य गुरु नानक देव की जयंती पर समारोह में..
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में पुलिस की वर्दी पहने लुटेरों ने एक भारतीय सिख परिवार के साथ लूटपाट की। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि कंवल जीत सिंह और उनके परिवार के सदस्य गुरु नानक देव की जयंती पर समारोह में भाग लेने के लिए भारत से यहां आए हैं।
पुलिस के अनुसार, बुधवार को परिवार के सदस्य गुरुद्वारा जनमस्थान ननकाना साहिब से लौटने के बाद खरीदारी के लिए लाहौर के गुलबर्ग इलाके में स्थित लिबर्टी मार्केट गए थे।
पुलिस प्रवक्ता एहतशाम हैदर ने बताया, “जब सिख परिवार एक दुकान से बाहर आया तो पुलिस की वर्दी पहने दो लुटेरों ने उन्हें रोका और हथियारों का भय दिखाकर नकदी और आभूषण लूट लिए।”
हैदर ने बताया कि लुटेरों ने सिख परिवार से आभूषणों के अलावा 2,50,000 भारतीय रुपये और 1,50,000 पाकिस्तानी रुपये लूट लिए।
घटना के बाद वहां बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और वे लोग सिख परिवार के साथ स्थानीय थाना पहुंचे। स्थानीय थाना प्रभारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारी को इस घटना की सूचना दी।
हैदर ने कहा कि पुलिस उप महानिरीक्षक रैंक के एक अधिकारी ने भारतीय सिख परिवार से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि लुटेरों को गिरफ्तार किया जाएगा।
तथा उनके नुकसान की भरपाई की जाएगी। पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने भी तीर्थयात्रा पर आए सिख परिवार के साथ लूटपाट की घटना पर कड़ा संज्ञान लिया और लाहौर पुलिस प्रमुख से तुरंत रिपोर्ट देने को कहा।
नकवी ने सीसीटीवी फुटेज से संदिग्धों की तत्काल पहचान पर जोर देते हुए डकैती में शामिल अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है।
नकवी ने कहा कि इस मामले में किसी भी लापरवाही पर गौर किया जाना चाहिए और जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सिख तीर्थयात्री सम्मानित अतिथि हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोच्च जिम्मेदारी है।
गुरु नानक देव की जयंती उत्सव को लेकर 2,500 से अधिक भारतीय सिख अभी पाकिस्तान में हैं।