न्‍यूयार्क की अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रतिबंध आदेश को किया बहाल ,जानें क्‍या था मामला

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अमेरिका में न्यूयॉर्क की एक अपीली अदालत ने बृहस्पतिवार को उस आदेश को बहाल कर दिया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दीवानी धोखाधड़ी मुकदमे में एक कर्मी को बदनाम किए जाने के बाद अदालत के कर्मचारियों के बारे में टिप्पणी करने से रोक दिया गया था।

न्यूयॉर्क । अमेरिका में न्यूयॉर्क की एक अपीली अदालत ने बृहस्पतिवार को उस आदेश को बहाल कर दिया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दीवानी धोखाधड़ी मुकदमे में एक कर्मी को बदनाम किए जाने के बाद अदालत के कर्मचारियों के बारे में टिप्पणी करने से रोक दिया गया था। एकल अपीली न्यायाधीश द्वारा सुनवाई के दौरान आदेश पर रोक लगाने के दो सप्ताह बाद चार-न्यायाधीशों की पीठ का यह निर्णय आया है।

न्यायाधीश की कानूनी क्लर्क के बारे में ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट करने के बाद न्यायाधीश आर्थर एंगोरोन ने तीन अक्टूबर को प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। पोस्ट में क्लर्क के निजी जीवन के बारे में निराधार आरोप लगाए गए थे। न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स के मुकदमे की सुनवाई के दूसरे दिन ट्रंप ने यह पोस्ट किया था। जेम्स ने आरोप लगाया कि ट्रंप ने कर्ज लेने और सौदे करने के लिए वित्तीय विवरणों में अपनी संपत्ति को बढ़ा-चढ़ाकर बताया। ट्रंप ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।

एंगोरोन ने बाद में प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन करने के लिए ट्रंप पर 15,000 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया। उन्होंने ट्रंप के वकीलों पर भी यह आदेश लगाया क्योंकि उन्होंने क्लर्क एलीसन ग्रीनफील्ड की भूमिका को लेकर पीठ पर सवाल उठाया था।

ट्रंप के वकीलों ने एंगोरोन के खिलाफ मुकदमा दायर कराया, जिसमें उनके प्रतिबंध आदेश को अधिकार के दुरुपयोग के रूप में चुनौती दी गई। उन्होंने अनुच्छेद 78 नामक कानून के तहत न्यायाधीश पर मुकदमा दायर कराया, जो कुछ न्यायिक निर्णयों के संबंध में मुकदमा चलाने की अनुमति देता है।

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