अब दुनिया को बिलखता छोड़ अलविदा कह गई, अभिनेत्री सुब्बालक्ष्मी
मुंबई । मलयालम अभिनेत्री सुब्बालक्ष्मी ने फिल्मों में दादी की भूमिका को हमेशा विनम्रता और प्रभावशाली तरीके से निभाया है। आलम ये था कि दादी के किरदार ने उन्हें अलग पहचान दी। कई बार लोग उन्हें उनके असली नाम की जगह दादी कहकर भी बुला देते थे। दादी के तौर पर पहचानी गई सुब्बालक्ष्मी ने अब दुनिया को बिलखता छोड़ अलविदा कह दिया है।
मलयालम इंडस्ट्री से बेहद दुखद खबर सामने आई है। 30 नवंबर को मलयालम सिनेमा की मशहूर अदाकारा आर सुब्बालक्ष्मी का निधन हो गया। वो 87 साल की थीं और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं.तबीयत बिगड़ने पर उन्हें तिरुवनंतपुरम के एक निजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। गुरुवार को उन्होंने हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली और दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
आर सुब्बालक्ष्मी के निधन से मलयालम सिनेमा जगत को बड़ा झटका लगा है। अपने एक्टिंग करियर में आर सुब्बालक्ष्मी ने जितने भी किरदार निभाए उन्हें खुलकर जिया। फिल्मों में उनके कई किरदार ऐसे रहे, जो दर्शकों के दिल में बस गए। उन्हें कल्याणरमन (2002), नंदनम (2002) और पांडिप्पा (2005) जैसी कई लोकप्रिय फिल्मों के लिए जाना जाता है। इन मूवीज में उन्होंने अपने अभिनय की ऐसी छाप छोड़ी, जिसे कभी नहीं भूलाया जा सकेगा।
थारा कल्याण की मां के रूप में वो अपने चाहने वालों को हमेशा याद आती रहेंगी। आर सुब्बालक्ष्मी के निधन पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और मलयालम एक्टर दिलीप ने शोक व्यक्त किया है। मलायलम फिल्म इंडस्ट्री में बहुत सी एक्ट्रेसेस आएंगी और जाएंगी, लेकिन शायद ही कोई दादी को भूमिका को उनकी तरह निभा पाएगा।