बिना व्यापक विमर्श के सीएनटी में संशोधन के प्रस्ताव का विरोध करेगी भाजपा: अरुण उरांव

0

मुख्यमंत्री की मंशा साफ नहीं,अपने हित में चाहते हैं संशोधन

सीएनटी एक्ट आदिवासियों का सुरक्षा कवच, जनजाति समाज में नही हो रहा संशोधन की मांग

 RANCHI: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवम पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ अरुण उरांव ने आज हेमंत सरकार पर बड़ा निशाना साधा।
डॉ उरांव ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि हेमंत सरकार सोची समझी रणनीति के तहत सीएनटी में संशोधन का प्रस्ताव ला रही है।

इनकी मंशा आदिवासी समाज के कल्याण की नही है।और आदिवासी समाज के किसी सामाजिक धार्मिक संगठन ने सीएनटी एक्ट में संशोधन की बात नही उठाई है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने लगातार अपने पद और पावर का दुरुपयोग करते हुए गरीब आदिवासियों की जमीन को अपने और अपने परिवार के नाम करवाया है।

रांची ,रामगढ़,बोकारो से लेकर दुमका तक शिबू सोरेन परिवार ने जमीन लिए हैं।

जो सीएनटी एस पी टी का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इस अवैध जमीन के नियमतीकरण केलिए टी ए सी को हथियार बनाया है।

उन्होंने कहा कि टी ए सी को हेमंत सरकार ने महामहिम राज्यपाल की भूमिका हटाकर पहले ही अपने अधिकार में कर लिया है ताकि अपने हिसाब से निर्णय कराया जा सके।

उन्होंने कहा कि चार वर्षों के बाद आज सीएनटी में संशोधन की याद आ रही जबकि पुरवर्ती रघुवर सरकार के संशोधन पर जमीन आसमान एक करने वाले यही झामुमो कांग्रेस और राजद के लोग शामिल थे।

उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार यदि परिवर्तन चाहती है तो पहले इस संबंध में समाज के विभिन्न वर्गो के बीच व्यापक विमर्श कराए,सीएनटी मामलों से जुड़े विधि विशेषज्ञों से सलाह ले तभी संशोधन का प्रस्ताव लाए।

आनन फानन में लाया गया प्रस्ताव जनजाति समाज को मंजूर नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि सीएनटी एक्ट में संशोधन केवल आवास निर्माण के लिए ही दिए जाने तक विचारणीय हो तथा व्यावसायिक उपयोग की छूट नही दी जाए।

उन्होंने कहा कि 5से 10 किलोमीटर की सीमा तथा 5 से 10 डिसमिल जमीन खरीद का प्रस्ताव ही किया जाना चाहिए।

प्रेसवार्ता में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के बिंदेश्वर उरांव एवम रोशनी खलखो भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed