भारत -आस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में हुए विश्व कप मैच में भारत देश की हार कैसे हो सकती है
भारत -आस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में हुए विश्व कप मैच में भारत की अप्रत्याशित हार के बाद उत्तर प्रदेश के झांसी में कुछ युवकों ने गुस्से में दुकान से टीवी उठाए और उन्हें बाहर लाकर पटक दिया।युवक बोले,भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने हमारा दिल तोड़ा है, उनके कारण ही वर्ल्ड कप हारे हैं।क्रिकेट मैच हारने के बाद इस तरह टीवी तोड़ने की खबरें अब से पूर्व पाकिस्तान से देखने और सुनने को मिलती थीं। लेकिन इस बार भारत से भी ऐसी ही खबर सामने आना चिंता का सबब है।
कुछ युवक एक टीवी की दुकान पर खड़े होकर मैच देख रहे थे, जैसे ही ऑस्ट्रेलिया ने मैच जीता दो युवकों ने दुकान में रखे टीवी उठाए और बाहर जाकर उन्हें पटक दिया, इस दौरान दुकानदार बार-बार उन्हें कहता भी रहा कि ऐसा मत करो, लेकिन दोनों ने दुकानदार की नहीं सुनी,वे गुस्से में कहने लगे कि भारतीय टीम की वजह से हम मैच हारे हैं।
इसी तरह अलीगढ़ और लखीमपुर खीरी में गुस्साए क्रिकेट प्रेमियों ने टेलीविजन तोड़ डाले, वहीं कई भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों की आंखों में हार के कारण आंसू आ गए। भारत की हार से जहां देशवासियों का दिल टूटा है। वहीं इस हार के बाद तीन युवकों की मौत भी हुई है। भारत की हार से दुखी होकर बंगाल के बांकुड़ा जिले में 23 वर्षीय युवक ने फांसी लगा ली।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में 60 वर्षीय वृद्ध की हार्ट अटैक से मौत हो गई, जबकि आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दिल का दौरा पड़ने मौत हो गई।बंगाल पुलिस के मुताबिक, मृतक राहुल लोहार एक कपड़े की दुकान पर काम करता था और फाइनल मैच देखने के लिए छुट्टी ली थी। भारत की हार से दुखी होकर रात करीब 11 बजे उसने कमरे में फांसी लगा ली। भारत की हार के सदमे से 60 वर्षीय व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत हो गई।मृतक के पुत्र कुलदीप ने बताया कि पिता महावीर क्रिकेट के प्रेमी थे।
भारत के हारते ही उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। सन 1983 में जिस समय कपिल देव की टीम ने क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था तो उनके पिता ने पूरे गांव में मिठाई बांटी थी। इस बार भी उन्हें भारतीय टीम की जीत का पूरा भरोसा था। आंध्र प्रदेश के तिरुपति में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर 32 वर्षीय ज्योति कुमार यादव भारत की हार नहीं सह पाए। हार के सदमे से भारतीय टीम के कट्टर समर्थक ज्योति कुमार का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी के बेटे ज्योति कुमार की जल्द ही शादी होने वाली थी। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को रोते देखकर वह भावुक हो गए। तिरुपति ग्रामीण मंडल के दुर्गासमुद्रम गांव में अपने घर पर टेलीविजन पर मैच देखते समय गिर गए। अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है। कब किन परिस्थितियों में मजबूत टीम कमजोर पड़ जाए कहा नही जा सकता।
भारतीय टीम का प्रदर्शन अंतिम मैच में भी इतना खराब नही था। बल्लेबाजी करते हुए उसके तीन खिलाड़ी जल्दी आउट हो गए, इसलिए टीम रक्षात्मक होकर खेलने लगी और रनों की दर धीमी पड़ गई थी। गेंदबाजी और फील्डिंग में भी खिलाड़ियों ने अपनी ताकत लगाई गई। लोगों को विश्वास था कि भारतीय टीम ही विश्व कप जीतेगी, उस अतिविश्वास के चलते लोग इस मैच को खेल भावना से नहीं देखकर देश भावना से देख रहे थे,जो भारत के हारने पर निराश हुए।
लोग भारतीय टीम की हार का ठीकरा खराब पिच पर भी फोड़ रहे हैं, आस्ट्रेलियाई टीम ने इसी वजह से पहले गेंदबाजी का निर्णय किया था। हालांकि उसी स्टेडियम में पहले भी भारतीय टीम खेल चुकी है और वह उस पिच से अच्छी तरह परिचित है। इसलिए पिच को दोष देना ठीक नहीं है। कई लोग हैरान है कि आखिर के चालीस ओवरों में भारतीय टीम ने केवल चार चौके लगाए।सत्ताईस ओवरों में एक भी चौका-छक्का नहीं लगा। भारतीय खिलाड़ी इतने सुस्त कैसे पड़ गए,इसका बड़ा कारण तीन खिलाड़ियों के आउट हो जाने से टीम पर पड़ा मनोवैज्ञानिक दबाव कहा जा सकता है। जिससे टीम रक्षात्मक होकर खेलती रही। इसमें आस्ट्रेलियाई टीम के गेंदबाजों की परिपक्वता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को चौके-छक्के जड़ने का मौका बहुत कम दिया।
इस मैच में कुछ लोग सट्टेबाजी का भी संदेह कर रहे हैं। पहले भी ऐसा हो चुका है और उसके चलते कुछ भारतीय खिलाड़ियों पर गाज भी गिर चुकी है। क्रिकेट बोर्ड में राजनीतिक दखल से भी भारतीय टीम के प्रदर्शन को लेकर आशंकाएं हो रही हैं। वही आस्ट्रेलियाई टीम की काबिलियत को कम करके आंकने की भूल भी हार का कारण है।भारतीय टीम का जीतना गौरव की बात होती, परन्तु इस हार का आंकलन आस्ट्रेलिया की टीम के प्रदर्शन से करना चाहिए। क्रिकेट एक खेल है और खेल को खेल भावना से ही खेला जाना चाहिए।ऐसे में क्रिकेट में हुई इस हार को देश की हार समझना और गुस्सा दिखाना हमारी भारी भूल है।