अर्नोल्ड डिक्स? जो उत्तराखंड मजदूर बचाने ऑस्ट्रेलिया से आए

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प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स ने उत्तरकाशी की टनल पर आते ही कहा, फंसे लोगों को बचाने की जिम्मेदारी अब मेरी है। भारत आने के साथ ही अर्नोल्ड डिक्स ने अपने प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है।उत्तराखंड स्थित उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में हुए टनल हादस में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।

बीते सप्ताह से सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए सरकार और उसकी एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय मदद भी ले रही हैं। अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ और इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्पेस के अध्यक्ष, प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स और उनकी टीम उत्तरकाशी पहुंच गई है। भारत आने के साथ ही अर्नोल्ड डिक्स ने अपने प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है।

 

लोगों को बचाने की जिम्मेदारी अब मेरी : अर्नोल्ड डिक्स

प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स ने उत्तरकाशी की टनल पर आते ही कहा, फंसे लोगों को बचाने की जिम्मेदारी अब मेरी है। अर्नोल्ड डिक्स ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हमारी पूरी कोशिश है कि अंदर फंसे मजदूरों नें से किसी को भी चोट नहीं लगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति हमें सकारात्मक लग रही है। हम सभी लोग एक टीम की तरह काम कर रहें हैं और दुनिया हमारे साथ है। बहुत जल्द ही कामयाब होंगे।

आखिर कौन है अर्नोल्ड डिक्स

पिछले साल कोपेनहेगन में आयोजित एसोसिएशन की 48वीं आम सभा के दौरान नए अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग और अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए। डिक्स इंजीनियरिंग के प्रोफेसर, वैज्ञानिक और वकील हैं। भूमिगत, निर्माण सुरक्षा, परिचालन सुरक्षा, संचालन, पर्यावरण, नवीनीकरण और सुरक्षा पर विशेष विशेषज्ञता के साथ डिजाइन अवधारणा समीक्षा, कमीशनिंग, प्रक्रियाएं और परिचालन के मास्टर है।

कई आपदाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

ऑस्ट्रेलियन टनलिंग सोसाइटी के अनुसार, डिक्स संगठन के 50 साल के इतिहास में इस पद पर चुने जाने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई हैं। उन्होंने आपदाओं के जोखिमों को कम करने और वास्तविक आपदाओं पर प्रतिक्रिया देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने न्यूयॉर्क में 9/11 की आपदा (भूमिगत पहलू), लंदन बम विस्फोट, मैड्रिड बम विस्फोट के साथ-साथ डेगू मेट्रो आग और हांगकांग मेट्रो आग जैसी आग से संबंधित आपदाओं की जांच की।

 

 

 

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