लाइव टीवी देखने के लिए नहीं होगी इंटरनेट की जरूरत नई पॉलिसी से महंगे हो जाएंगे स्मार्टफोन

0

नई दिल्ली मोबाइल नेटवर्क के बिना स्मार्टफोन पर लाइव टीवी दिखाने के लिए नई पॉलिसी लाने की तैयारी है। लेकिन स्मार्टफोन पर लाइव टीवी आइडिया से सैमसंग-क्वालकॉम जैसी कंपनियां खुश नहीं है। लाइव टीवी के लिए हार्डवेयर अप्रग्रेड करने से स्मार्टफोन 30 डॉलर यानी करीब 2500 रुपए ज्यादा महंगे हो जाएंगे।

केंद्र सरकार बिना सेल्युलर नेटवर्क के भी स्मार्टफोन पर लाइव टीवी दिखाने के लिए नई पॉलिसी लाने की तैयारी में है। नई पॉलिसी में देश में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन्स पर टीवी ब्रॉडकास्टिंग का ऑप्शन होना अनिवार्य होगा। लेकिन सैमसंग और क्वालकॉम

जैसी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां स्मार्टफोन पर लाइव टीवी के लिए भारत सरकार की योजना से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि लाइव टीवी स्ट्रीमिंग के लिए स्मार्टफोन के हार्डवेयर में जरूरी परिवर्तन से डिवाइस 30 डॉलर यानी करीब 2500 रुपए ज्यादा महंगे हो जाएंगे। कंपनियां ने कहा कि इसे तैयार करने के लिए ज्यादा कंपोनेंट की जरूरत होगी। यह संभावित रूप से उनकी मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग प्लान को प्रभावित कर सकता है। भारत मोबाइल नेटवर्क पर निर्भर हुए बिना लाइव टीवी सिग्नल प्राप्त करने के लिए स्मार्टफोन में हार्डवेयर को अनिवार्य बनाने के बारे में सोच रहा है। सरकार इसके लिए उत्तरी अमरीका में उपयोग की जाने वाली एटएससी 3.0 तकनीक का उपयोग करने पर विचार कर रही है, जो टीवी सिग्नलों को सटीक जियो-लोकेशन और हाई पिक्चर क्वीलिटी ऑफर करती है।

बैटरी परफॉरमेंस पर पड़ सकता है असर

सैमसंग, क्वालकॉम, एरिक्सन और नोकिया ने भारत के दूरसंचार मंत्रालय को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि डायरेक्ट-टू-मोबाइल प्रसारण शामिल करने से डिवाइस की बैटरी परफॉरमेंस पर असर पड़ सकता है और सेलुलर रिसेप्शन बाधित हो सकता है। भारत के स्मार्टफोन क्षेत्र की कंपनियां लेटेस्ट पॉलिसी का विरोध कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने फोन को घरेलू नेविगेशन सिस्टम नाविक के अनुकूल बनाने के भारत के प्रयासों और हैंडसेट के लिए सिक्योरिटी टेस्टिंग अनिवार्य करने वाले प्रस्ताव का विरोध किया था।

नेटवर्क पर दबाव कम करना चाहती है सरकार

केंद्र सरकार स्मार्टफोन पर लोगों की ओर से बड़ी मात्रा में वीडियो देखने के कारण दूरसंचार नेटवर्क पर होने वाली भीड़ को कम करने में मदद के लिए स्मार्टफोन पर बिना नोटवर्क के लाइव टीवी का विकल्प देना चाहती है। सरकार का कहना है कि स्मार्टफोन में सीधे लाइव टीवी का ऑप्शन होने से टेलीकॉम नेटवर्क पर लोड कम होगा। हालांकि इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ने सरकार के इस कदम का विरोध किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में, दुनिया भर में कोई भी प्रमुख हैंडसेट निर्माता एटएससी 3.0 का सपोर्ट नहीं करता है।

क्या मौजूदा स्मार्टफोन्स हो जाएंगे रद्दी!

सरकार की नई पॉलिसी को लेकर लोगों को यह आशंका है कि अगर स्मार्टफोन मेकर कंपनियां सरकार के इस प्रस्ताव को अपनाती हैं तो आपके पुराने और मौजूदा स्मार्टफोन बेकार हो जाएंगे, यानी इनपर लाइव टीवी नहीं देख सकेंगे। अभी सरकार की तरफ से सिर्फ प्रस्ताव लाया गया है न कि इस पर कोई नियम बना है। ऐसे में मौजूदा स्मार्टफोन में भी लाइव टीवी के लिए हार्डवेयर इंस्टॉल हो पाएगा या नहीं, इसके लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है। देश के स्मार्टफोन बाजार में अभी सैमसंग की 17.2 प्रतिशत, शाओमी की 16.6 प्रतिशत और एपल के पास 6 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

 

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed