कानून सेवा प्राधिकरण की नजर,सरकारी विभागों के कार्य पर
सरकारी विभागों के कार्य पर है कानून सेवा प्राधिकरण की नजरप्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के.जी. शांति ने कहा कि सरकार के विभागों के कार्यों की समीक्षा करने के साथ जनता को आवश्यक सरकारी सुविधाएं समय पर उपलब्ध करने का कार्य जिला कानून सेवा प्राधिकरण कर रहा है। सरकारी विभागों की गतिविधियों पर जिला कानून सेवा प्राधिकरण की नजर है।
वे धारवाड़ में गुरुवार को शहर के आलूरु वेंकटराव सभा भवन में जिला कानून सेवा प्राधिकरण, धारवाड़ अधिवक्ता संघ, जिला प्रशासन तथा अन्य विभागों के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय कानून सेवा दिवस तथा कानून स्वययंसेवकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन कर बोल रहीं थी।
उन्होंने कहा कि जिले में सभी वर्गों के लोग, समुदाय में कानून जागरूकता पैदा कर जरूरतमंदों को मदद करने के लिए आयोजित विशेष अभियान सफल होकर करीब 5 लाख लाभान्वितों को अभियान का लाभ पहुंचा है। सभी को कानून सेवा उपलब्ध होने चाहिए। न्याय प्राप्त करने में बिना किसी भेदभाव के समान रूप से सबको उपलब्ध करना कानून सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य है।
न्यायाधीश ने कहा कि कानून सेवा प्राधिकरण राष्ट्र स्तर से तालुक स्तर तक गठित हुआ है। कानून जागरूकता पैदा कर, आवश्यकता होने पर नि:शुल्क सहायता देने का कार्य कानून सेवा प्राधिकरण कर रहा है। सरकारी विभागों की कार्य शैली, समस्या तथा सुविधाओं के बारे में कानून सेवा प्राधिकरण की ओर से जागरूकता पैदा की जा रही है जो वॉचडॉग के रूप में काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय परिसर, महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय, कारागार परिसर, जिला अस्पताल, डिम्हांस, बाल न्याय मंडल परिसर तथा तहसीलदार कार्यालय परिसर, जिला कानून सेवा प्राधिकरण की ओर से कानून मदद केन्द्र कार्यरत हैं। धारवाड़ जिले में स्थित पुलिस थानों में कानून सेवा केन्द्र स्थापित किए गए हैं। जिला कानून सेवा प्राधिकरण तथा तालुक कानून सेवा समितियों के क्षेत्र में कानून जागृति सेवा संबंधित 2,108 कार्यक्रमों को आयोजित किया गया है। करीब 4,71,211 जने इसमें शामिल हैं।
न्यायाधीश शांति ने कहा कि जिला कानून सेवा प्राधिकरण की ओर से मादक पदार्थों से बच्चों तथा युवाओं की रक्षा करें नामक विशेष अभियान जिले में स्थित सभी माध्यमिक स्कूल तथा कालेजों में आयोजित किया गया था। कुल 204 कार्यक्रमों में 27,164 विद्यार्थियों ने भाग लेकर कार्यक्रम का लाभ हासिल किया है। एनडीपीएस एक्ट संबंधित जिले में पुलिस विभाग अधिकारियों को तथा अभियोजन विभाग अधिकारियों को एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया है। बाल विवाह मुक्त कर्नाटक अभियान जिले में स्थित सभी माध्यमिक स्कूल तथा पीयू कालेजों में आयोजित किया गया था। इस संबंधित 1,645 कार्यक्रमों में 3,28,912 विद्यार्थियों ने भाग लेकर कार्यक्रम का लाभ प्राप्त किया है।
उन्होंने कहा कि 11 फरवरी, 8 जुलाई तथा 9 सितम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत जिले में आयोजित की गई थी। उसमें पूर्व मुकद्दमा 2,49,905 तथा न्यायालय में लंबित मामलों में 40,157 का निपटारा हुआ है। इनमें 288,76,21,419 रुपए मुआवजा राशि जमा हुई है। लीगल एड डिफेंस कार्यालय से न्यायालय में स्थित कुल 237 अपराधिक प्रकरणों में अधिवक्ताओं ने हाजिर होकर मामलों का निपटारा किया है। जिला कानून सेवा प्राधिकरण के तहत दो प्रकरणों में 4 लाख रुपए मुआवजा पीडितों दिया गया है।
न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस अधिकारियों में संवेदनशीलता पैदा करने के लिए प्राधिकरण की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। पैनल अधिवक्ताओं तथा कानून स्वयंसेवकों को समय समय पर कानून तथा न्यायपालिका सेवाओं के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। स्कूल शिक्षा में दसवीं कक्षा तक कानून पाठ का पाठ्य होना चाहिए। बचपन से ही बच्चों में कानून जागरूकता पैदा करनी चाहिए। सरकार इस बारे में कार्रवाई करनी चाहिए। कानून जागरूकता सभी के लिए आवश्यक है।
सेवा निवृत जिला न्यायाधीश एस.एच. मिट्टलकोड ने कहा कि अधिकार के प्रकरणों का समाधान होजाता है, परंतु जिद्दी विवादों से समझौता नहीं होसकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को मामलों के फायदे और नुकसान के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। व्यक्तियों की आजादी की रक्षा करना न्यायाधीशों का कर्तव्य है। कानून पालन के बारे में जागरूकता पैदा करनी चाहिए। लोगों को झूटे मामले नहीं दायर करने को लेकर जानकारी देनी चाहिए। कानून को तलवार के रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए।
कर्नाटक राज्य कानून सेवा प्राधिकरण सदस्य ए.ए. मगदुम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की थी।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय के सरकारी अभियोजक बी.वी. पाटील, कर्नाटक अधिवक्ता परिषद के सदस्य वी.डी. कामरेड्डी, जिला सरकारी अधिवक्ता जी.जी. अमोधिमठ, धारवाड़ अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सी.एस. पुलिस पाटील, जिला पुलिस अधीक्षक अधिकारी कार्यालयय के कानून अधिकारी गुरुशांतय्या कुर्डिकेरी, कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग के सहायक निदेशक कुमार बेक्केरी आदि उपस्थित थे।
जिला कानून सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव एवं वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश पी.एफ. दोड्डमनी ने स्वागत किया। पैनल अधिवक्ता प्रभावती तथा श्रीदेवी ने कार्यक्रम का संचालन किया। सुवर्णा सुरकोड ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जिला न्यायालय के विभिन्न न्यायाधीश, स्कूल शिक्षा विभाग के उप निदेशक एस.एस. केळदिमठ, धारवाड़ जिला कारागार अधीक्षक एम.ए. मरिगौडर, वरिष्ठ अधिवक्ता सोमशेखर जाडर, पैनल अधिवक्ता, कानून सेवयं सेवक, स्कूल विद्यार्थियों, अधिवक्ताओं आदि उपस्थित थे।