मुख्यमंत्री ने पायजामा लेने के लिए कश्मीर से भोपाल भेजा था प्लेन
मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी गुलाम नबी आजाद के शादी समारोह में कश्मीर गए थे, जहां उन्हें रुकना पड़ गया। जब सेठी को पता चला कि वे साथ में पायजामा नहीं लाए हैं तो उन्होंने अपने पायलट को पायजामा लाने के लिए भोपाल भेज दिया।
गुलाम नबी आजाद के शादी समारोह में गए थे सेठीसाथ में नहीं ले गए थे पायजामापायलट को पायजामा लाने के लिए भोपाल भेज दिया
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के कई राजनीतिक किस्से मशहूर है। इसी फेहरिस्त में प्रकाश चंद्र सेठी का भी एक किस्सा है, जब उन्होने अपना पायजामा लेने के लिए कश्मीर से प्लेन भोपाल भेजा था। नईदुनिया की स्पेशल सीरीज किस्सा कुछ यूं था में यह किस्सा आपको विस्तार से बताते हैं।
पत्रकार और लेखक दीपक तिवारी अपनी किताब राजनीतिनामा मध्य प्रदेश कांग्रेस युग 1956-2003 में लिखते है कि जिस तरह श्यामाचरण शुक्ल “नारसिस्ट कॉम्प्लेक्स” (एक ग्रीक पात्र जो पानी में अपनी ही छवि देखकर प्रसन्न होता है और अपने शारीरिक सौष्ठव की प्रशंसा करता है) से पीड़ित थे। ठीक उसी तरह मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी भी खुद की छवि से प्रेम करते थे।
सेठी को कश्मीर में रूकना पड़ा
दीपक तिवारी के अनुसार प्रकाश चंद्र सेठी दिल्ली की काफी हवाई यात्राएं करने लगे थे और सरकारी हवाई जहाज का उपयोग करते थे। इसी बीच वे कांग्रेस नेता रहे गुलाम नबी आजाद की शादी समारोह में शामिल होने के लिए हवाई जहाज से कश्मीर गए थे, वैसे तो उन्हें शादी वाले दिन लौटना था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उन्हें कश्मीर में ही रुकना पड़ गया।
कश्मीर में रुकने के बाद सेठी को ख्याल आया कि वे अपने साथ पायजामा लेकर नहीं आए, ऐसे में उन्होंने पायजामा लाने के लिए पायलट को कश्मीर से भोपाल भेज दिया।
करते थे अनाप-शनाप व्यवहार
प्रकाश चंद्र सेठी सत्ता के प्रवाह में कई बार अनाप-शनाप व्यवहार करते थे। जिसके टेप इंटेलिजेंस ब्यूरो के जरिए इंदिरा गांधी तक पहुंचती थी। इतना ही नहीं वे कई बार अधिकारियों से भी भड़क जाते थे और हाथ तक उठा देते थे। एक बार तो उन्होंने अपने चपरासी तक की पिटाई कर दी थी।
इसी के चलते इंदिरा गांधी के बाद सेठी के उल्टे सीधे बयानों के टेप भी पहुंचे थे, जिसके बाद इंदिरा गांधी ने सेठी को योगाचार्य धीरेन्द्र ब्रह्मचारी के मनतलाई के जम्मू आश्रम में इलाज के लिए भेज दिया।
कलेक्टर को स्विमिंग पूल ले गए
प्रकाश चंद्र सेठी जब मध्य प्रदेश के गृह मंत्री हुआ करते थे, तब वे एक बार इंदौर रुके थे। उस समय इंदौर के कलेक्टर अजीत जोगी थे। इसी बीच एक दिन सेठी सुबह चार बजे अजीत जोगी के बंगले पर जा पहुंचे। जोगी को इसकी जानकारी संत्री ने मिली तो वे बाहर आए। जहां सेठी ने कहा कि “कलेक्टर साहब जल्दी चलिए मुझे स्विमिंग पूल जाना है। तैरने में मुझे डर लगता है इसलिए आप साथ रहना। ” उस दौरान अजीत जोगी कुछ भी न बोल सके।