चीन ने बनाया दुनिया की पहली उड़ने वाली टैक्‍सी, मिनटों में पहुंचा देगी

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नई दिल्‍ली । उड़ने वाली टैक्‍सी के बारे में आपने बहुत सुना होगा. लेकिन यह सपना अब हकीकत बनने जा रहा है. चीन की एक कंपनी ने दुनिया की पहली उड़ने वाली टैक्‍सी का सफल परीक्षण किया है. उसे सर्टिफिकेट भी मिल गया है। यानी अब यह एयर टैक्‍सी शहरों में उड़ान भरने के लिए‍ पूरी तरह तैयार है. खास बात, यह पूरी तरह इलेक्‍ट्र‍िक है और बहुत ज्‍यादा फ्यूल कंजप्‍शन नहीं होगा. यानी कि खर्च भी काफी कम रहेगा. बेंगलुरु-दिल्‍ली जैसे महानगरों के लिए यह परफेक्‍ट है क्‍योंकि चंद मिनटों में यह आपको घर से दफ्तर तक पहुंचा सकती है. शुरुआत में आपको यह सपना की तरह लग रहा होगा, लेकिन सच में ऐसा हुआ है।

न्‍यूयॉर्क पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की कंपनी एहांग ने EH216-S नाम की यह एयर टैक्‍सी लॉन्‍च की है. यह एक बार में 2 पैसेंजर्स ले जा सकती है. 600 पाउंड यानी 275 किलो सामान ढो सकती है. खास बात, यह ड्राइवरलेस है. यानी इसमें बैठने वाले दोनों यात्री ही होंगे. यह 16 इलेक्ट्रिक राउटर्स से चलाई जाती है और 128 किलोमीटर प्रत‍िघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकती है. एक बार चार्ज करने पर यह 30 किलोमीटर तक जा सकती है. कंपनी इसे बढ़ाकर 200 किलोमीटर तक करने की तैयारी कर रही है. इसके बाद यह एयर टैक्‍सी लोगों के लिए काफी फायदेमंद हो जाएगी।

इलेक्ट्रिक एयर टैक्‍सी आख‍िर है क्‍या?

यह एयर टैक्‍सी एक केंद्रीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र द्वारा नियंत्रित की जाती है. वहीं से इसे उड़ान का रास्‍ता, मौसम और अन्‍य चीजों के बारे में कंट्रोल किया जाता है. अंदर बैठने वाले यात्री चाहें तो वहां मौजूद टचस्‍क्रीन से अपने गंतव्‍य यानी जहां वे उतरना चाहते हैं, उसका चयन कर सकते हैं. उन्‍हें विमान चलाने की जरूरत नहीं होगी क्‍योंकि यह पूरी तरह कमांड यूनिट कंट्रोल करेगी. ऊपर से शहर का खूबसूरत नजारा देखा जा सकेगा।

उड़ान भरने के लिए रनवे की जरूरत नहीं

सबसे खास बात, इन एयर टैक्‍स‍ियों को उड़ान भरने के लिए रनवे की जरूरत नहीं होगी. किसी भी सामान्‍य छत, पार्किंग प्‍लेस या पार्क से यह उड़ान भर सकती है. वहां उतर सकती है. इनसे प्रदूषण भी नहीं फैलता क्‍योंकि एयर टैक्‍स‍ियां इलेक्‍ट्र‍िक से चलती हैं. इन्‍हें सिर्फ 2 घंटे में पूरी तरह चार्ज किया जा सकता है. इनसे शोर भी नहीं होता. EH216-S एयर टैक्‍स‍ियों में बैटरी बैकअप काफी स्‍ट्रांग है और कुछ मिनट में इसे बदला जा सकता है. किसी भी खराबी की स्थिति में आपातकालीन लैंडिंग सिस्टम और पैराशूट भी होते हैं।

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