मंदी के चलते आईटी सेक्टर का बिगड़ा स्तर, इन सालों में पहली बार इतने कर्मचारियों हुए बाहार, जानें कारण
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नई दिल्ली । पिछले एक साल में कोरोना महामारी का असर कम होने के बाद से विश्व भर की कई दिग्गज इकोनॉमी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही हैं. इसका असर सबसे ज्यादा आईटी सेक्टर की कंपनियों (IT Companies) पर पड़ा है। दुनिया के साथ-साथ इसका असर भारत पर भी दिख रहा है. भारत की 10 दिग्गज आईटी कंपनियां जो 20 लाख से ज्यादा इंजीनियरों को रोजगार देती हैं, उनके वर्कफोर्स में कमी देखी जा रही है. लाइव मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से लेकर सितंबर 2023 तक पिछले नौ महीने में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की संख्या में गिरावट देखी गई है।
प्रमुख भारतीय आईटी कंपनियों में घटी कर्मचारियों की संख्या
आईटी एक्सपर्ट्स के मुताबिक सितंबर से मार्च का महीना आईटी सेक्टर में आमतौर पर कम काम का वक्त रहता है, मगर जनवरी से लेकर सितंबर तक कम हाइरिंग भारतीय आईटी सेक्टर में मंदी की ओर इशारा कर रहा है. अंग्रेजी न्यूज पोर्टल मिंट की खबर के मुताबिक देश की दिग्गज 10 आईटी कंपनियों के डाटा से यह साफ पता चल रहा है कि उनके कर्मचारियों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस आदि जैसी बड़ी आईटी कंपनियों समेत कई कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या में गिरावट हुई है. इस साल की शुरुआत में जहां देश की टॉप-10 दिग्गज आईटी कंपनियां 21.10 लाख कर्मचारियों को रोजगार दे रही थी वह सितंबर तक घट कर 20.60 लाख तक पहुंच गया है।
25 सालों पहली बार कम हुआ वर्कफोर्स
गौरतलब है पिछले 25 सालों में यह पहली बार हुआ है जब आईटी सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या में गिरावट आई है. मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, Persistent Systems Ltd आदि जैसी आईटी फर्म में पिछले 9 महीने में वर्कफोर्स में 51,744 जॉब्स की कटौती हुई है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके पीछे अमेरिका और यूरोप की मंदी के कारण भारतीय आईटी सेक्टर पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।