इस सप्ताह पार्टी राजधानी दिल्ली में होने वाली बैठक में ले सकती हैं ,बड़ा फैसला

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नई दिल्‍ली (New Dehli); मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इसी बीच खबरें हैं कि अब पार्टी कुछ 4-5 सीटों पर नाम काट सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पार्टी इस सप्ताह राजधानी दिल्ली में होने वाली बैठक में बड़ा फैसला ले सकती है।

इन सीटों पर बदले जा सकते हैं उम्मीदवार
अब तक टिकट कटने और नए उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस ने खुलकर कुछ नहीं कहा है। अब संभावनाएं हैं कि आने वाले कुछ दिनों में पार्टी आमला, पिपरिया, शुजालपुर, जावरा और सुमावली में चेहरे बदल सकती है। टिकट बंटवारे के साथ ही कांग्रेस में विरोध प्रदर्शन और इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है।

कौन कहां से है उम्मीदवार
कांग्रेस ने जावरा से हिम्मत श्रीमाल, सुमावली से कुलदीप सिकरवार, पिपरिया से गुरुचरण खरे, शुजालपुर से रामवीर सिंह सिकरवार और आमला से मनोज मालवे को टिकट दिया था। अब कहा जा रहा है कि इन सभी प्रत्याशियों को बदला जा सकता है।

क्या हो सकती हैं वजहें?
पिपरिया से उतरे खरे छिंदवाड़ा से हैं। कहा जा रहा है कि यही उनके विरोध की बड़ी वजह बन रहा है। टिकट का ऐलान होने के साथ ही उनके खिलाफ विरोध के सुर तेज हो गए हैं और करीब 12 दावेदार इसके खिलाफ लामबंद हो गए हैं। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि कांग्रेस यहां वीरेंद्र बेलवंशी को मैदान में उतार सकती है।

सुमावली से टिकट न मिलने के बाद दिग्गज कांग्रेस नेता अजब सिंह कुशवाहा ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया था। कहा जा रहा है कि लगातार विद्रोही रवैये को देखकर कांग्रेस संभावनाओं को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती है। ऐसे में कहा जाने लगा है कि पार्टी सिकरवार की जगह फिस से कुशवाहा को टिकट दे सकती है।

शुजालपुर से मैदान में उतरे सिकरवार साल 2018 में विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। इतना ही नहीं उनके नाम का दोबारा ऐलान होने के बाद विरोध तेज हो गया है। इधर, क्षेत्र के नेता योगेंद्र सिंह ‘बंटी’ भी लगातार राजधानी भोपाल में शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में अटकलें तेज हो गई हैं कि यहां कांग्रेस नया प्रत्याशी चुन सकती है।

आमला सीट पर कांग्रेस ने अंतिम समय तक भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया था, लेकिन अंत समय में यहां से मालवे को चेहरा बनाया गया। कहा जा रहा है कि इसकी वजह डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा थी। वह चुनाव लड़ना चाहती हैं और राज्य सरकार ने हाल ही में उनकी इस्तीफा स्वीकार किया है। ऐसे में कहा जाने लगा है कि पार्टी उनके नाम का ऐलान कर सकती है। हाल ही में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से बांगरे के इस्तीफे पर 23 अक्टूबर तक फैसला लेने के लिए कहा था।

जावरा में भी उम्मीदवार बदलने की वजह विरोध प्रदर्शन हो सकती है। यहां श्रीमाल के नाम का ऐलान होने के बाद ही कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया था। क्षेत्र में पुतला फूंके जाने तक की खबरें सामने आई थीं।

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