विश्व एनेस्थीसिया दिवस पर रिम्स में किया गया वृक्षारोपण एवं आमलोगों को दिया गया सीपीआर का प्रशिक्षण
एनेस्थीसिया देना अब पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित और बेहतर: डॉ शिव प्रिये
RANCHI: विश्व एनेस्थीसिया दिवस हर साल वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ सोसाइटीज ऑफ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट (डब्ल्यूएफएसए) द्वारा मनाया जाता है और लगभग 150 देश इस समारोह में भाग लेते हैं।
इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट ने भी इस दिन को बड़े उत्साह से मनाया।
आईएसए – रांची शहर शाखा और एनेस्थीसिया विभाग, रिम्स रांची ने परिसर में वृक्षारोपण किया और आम लोगों को सीपीआर प्रशिक्षण दिया साथ ही पीजी विद्यार्थियों के लिए क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया।
इस मौके पर रिम्स निदेशक डॉ राजीव गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हिरेन्द्र बिरुआ, चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी सहित काफी संख्या में मेडिकल छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
राँची सोसाइटी ऑफ़ एनस्थेश्लाजिस्ट के सचिव, प्रोफ़ेसर डॉ. शियो प्रिये ने कहा कि, “एनेस्थीसिया देना अब पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित और बेहतर है।
विभिन्न प्रकार के ब्लॉक तकनीक न केवल साधारण मामलों बल्कि ओपन हार्ट सर्जरी जैसे उच्च जोखिम वाले मामलों का संचालन करने में भी सक्षम बनाती हैं।”
रिम्स राँची के निश्चेतना विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर डॉ लाधू लाकड़ा ने कहा कि “हम न केवल सर्जरी के लिए एनेस्थीसिया दे रहे हैं बल्कि हम दर्द निवारक देखभाल, ट्रामा केयर और गहन चिकित्सा यूनिट में भी काम कर रहे हैं।
हर शल्य क्रिया अपने आप में किसी ना किसी प्रकार से शारीरिक क्षति से संबंधित है। यह याद रखना अनिवार्य है कि एनेस्थेसियोलॉजिस्ट न केवल आपको बेहोश करता है बल्कि आपको सकुशल होश में भी लाता है।
विश्व एनेस्थीसिया दिवस आम लोगों के लिए यह जानने का दिन है कि हम कौन हैं और वे कैसे बहुमूल्य जीवन बचा सकते हैं।”