गाजा पट्टी की स्थिति विनाशकारी…गर्भवती महिलाओं पर संकट, UN एजेंसी ने की अपील
येरुशलम । संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के साथ काम करने वाले कर्मचारी इस्राइल में युद्ध के बीच मदद की अपील कर रहे हैं। फलस्तीन शरणार्थियों के लिए गाजा को बचाने की अपील करते हुए कर्मचारी ने कहा कि गाजा में हालात बेहद नाजुक हैं। इस कर्मचारी ने कहा कि गाजा पट्टी की स्थिति “विनाशकारी” है। इस्राइली बमबारी के बीच गाजा पट्टी पर मौजूद मासूम बच्चों, गर्भवती महिलाओं के सामने जीवन का संकट पैदा हो गया है। इन लोगों लिए भोजन, पानी और दवाओं की तत्काल आपूर्ति जरूरी है।
गाजा को मरने से बचाने की अपील
फलस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के साथ काम करने वाले कर्मचारियों ने रविवार को कहा, गाजा पट्टी पर हिंसा में भारी वृद्धि हुई है। युद्ध और अंधाधुंध गोलाबारी के परिणाम हजारों फलस्तीन शरणार्थी भुगत रहे हैं। फलस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) ने गाजा में फलस्तीनी शरणार्थियों का समर्थन करने के लिए आपातकालीन अपील जारी कर कहा, “कृपया गाजा को बचाएं, मैं आपसे विनती करता हूं, गाजा को बचाएं। यह मर रहा है। यह मर रहा है। यह मर रहा है।”
फलस्तीनियों को दक्षिणी इलाके खाली करने की चेतावनी
गाजा के खान यूनिस में यूएनआरडब्ल्यूए अधिकारी राव्या हलास ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर एक वीडियो संदेश में कहा, इस्राइली सेना ने उत्तरी गाजा में रहने वाले 1.1 मिलियन फलस्तीनियों को दक्षिणी इलाके खाली करने की चेतावनी दी है। हजारों परिवार पैदल भाग रहे हैं। कुछ लोगों के पास गाड़ियां हैं, लेकिन उनके पास जान बचाने के लिए आश्रय नहीं है। ऐसे बच्चे, बुजुर्ग और वयस्क हैं जिन्हें यूएनआरडब्ल्यूए की तरफ से कुछ भी नहीं दिया जा सकता। भोजन और पानी। जैसी बुनियादी चीजें भी देने में सक्षम नहीं।
हताशा, उदासी और बेबसी…
वीडियो में, हलास मदद के लिए भावनात्मक अपील करते हुए कहती हैं कि आश्रय में शरणार्थियों को जरूरी दवाएं और भोजन उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं हैं। वे हताशा और उदासी से घिरी हैं। उन्होंने कहा कि हालात को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। 15,000 फलस्तीनी शरणार्थी आश्रय में सिर छिपाने को मजबूर हैं। इनके पास खाना-पीना, अपना घर कुछ भी नहीं है। कई लोगों को मधुमेह है, विकलांग बच्चे हैं और कुछ बच्चे हैं जो अब चेचक से पीड़ित हैं।
इंसुलिन की कमी से मर रहे लोग
हलास ने कहा, शरणार्थियों के लिए बनाया गया केंद्र इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मदद नहीं कर सकता। भोजन, बाथरूम, पानी और बिजली के सब बंद है। हम लोगों की देखभाल नहीं कर पाएंगे। हम नहीं जानते कि उनकी ज़रूरतें कैसे पूरी करें। हम उन्हें भोजन और पानी देने के लिए किसी की तलाश कर रहे हैं। वे कुछ भी लेकर नहीं आए हैं। वे भिखारी नहीं हैं। उनके पास अपना पैसा है लेकिन हम सामान कहां से खरीदने जाएं? मरीजों को इंसुलिन की जरूरत है, लोग मर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा?
रविवार को एक्स पर एक अन्य पोस्ट में, यूएनआरडब्ल्यूए स्टाफ अज्जम ने कहा कि “इन दिनों गाजा में रहने पर जिंदा रहना सबसे बड़ी चुनौती है। हैशटैग हियर देयर वॉयस’ के साथ यूएनआरडब्ल्यूए संदेश पोस्ट कर रहा है। बढ़ती हिंसा और हमलों के कारण विस्थापित और प्रभावित हुए हजारों लोगों की मदद की अपील के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, इस्राइल में “भयानक आतंकवादी हमलों” में 1,200 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। इसके बाद गाजा पर जोरदार इस्राइली बमबारी हुई, जिसमें 2,300 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए।
5500 गर्भवती महिलाओं पर संकट
यूएनआरडब्ल्यूए के अनुसार, 7 अक्टूबर से अब तक 4,23,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। उनमें से 2,70,000 से अधिक ने यूएनआरडब्ल्यूए आश्रयों में शरण ली है। संयुक्त राष्ट्र महिला की रिपोर्ट है कि गाजा में लगभग 50,000 गर्भवती महिलाएं हैं। स्वास्थ्य कर्मियों, अस्पतालों और क्लीनिकों पर हमले हो रहे हैं। ऐसे में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित होने के कारण इनकी जान भी संकट में है। लगभग 5,500 महिलाएं नवंबर-दिसंबर में बच्चे को जन्म दे सकती हैं।