इजरायल और हमास युद्ध में रूस ने भी ले ली एंट्री, पुतिन ने इस युद्ध में ठहराया इस देश को जिम्मेदार
नई दिल्ली। इजरायल और हमास के बीच खूनी जंग विकराल रूप ले चुकी है। दोनों खेमों के बीच कम से कम 1700 लोगों की मौत हो चुकी है। इजरायल की मदद के लिए अमेरिका युद्धपोत और हथियारों से लैस प्लेन भेज चुकी है। इस बीच आज अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजरायल का दौरा भी करने वाले हैं। महायुद्ध में अमेरिकी की सीधी भागीदारी के बाद रूस ने भी एंट्री ले ली है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमास और इजरायली सेना के बीच कई दिनों से चल रही लड़ाई पर बयान दिया है। पुतिन ने कहा है कि मध्य पूर्व में वाशिंगटन ने फिलिस्तीनियों की जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया। इस विनाश की मुख्य वजह यही है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इजरायल और हमास के बीच भयंकर लड़ाई की निंदा कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने किसी एक पक्ष का पूर्ण समर्थन करने से परहेज किया। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के शीर्ष नेता ने मंगलवार को मध्य पूर्व में वाशिंगटन की नीति पर निशाना साधा। जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह फिलिस्तीनियों की जरूरतों को ध्यान में नहीं रखने के कारण विफल हो गई है।
अमेरिका को लगाई लताड़
पुतिन ने कहा कि वाशिंगटन ने इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों पर “एकाधिकार” स्थापित करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने दोनों पक्षों के बीच समझौते की तलाश करने की जहमत तक नहीं उठाई। संघर्ष के समाधान को खोजने के बजाय अपने स्वयं के विचारों को तवज्जो दी। पुतिन ने कहा कि अमेरिका ने फिलिस्तीनियों के हितों की अनदेखी की थी, जिसमें उनके अपने स्वतंत्र राज्य की आवश्यकता भी शामिल थी।
पुतिन ने तुर्की नेता रेसेप तैयप एर्दोगन के साथ एक फोन कॉल के दौरान इजरायल और गाजा में मारे गए नागरिकों के लिए अपनी चिंता व्यक्त की। क्रेमलिन ने कहा, “दोनों शीर्ष नेताओं ने इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष क्षेत्र में तेजी से बिगड़ते हालात पर चिंता जताई। ” क्रेमलिन ने कहा, “हिंसा में निरंतर वृद्धि और नागरिक हताहतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दोनों नेताओं ने इस युद्ध विराम के लिए विकल्प पर भी चर्चा की।
क्रेमलिन ने कहा कि दोनों नेताओं ने “तत्काल युद्धविराम” और “बातचीत प्रक्रिया को फिर से शुरू करने” की आवश्यकता दोहराई। एर्दोगन ने कहा कि “नागरिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना खेदजनक है और तुर्की इस तरह के कृत्यों का स्वागत नहीं करता है”।
पुतिन ने मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया में रूस की भूमिका का कोई उल्लेख नहीं किया। लेकिन, ये जरूर कहा कि वह युद्ध को रोकने के लिए मध्यस्थता निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “अरब-इजरायल संघर्ष के वर्तमान क्षेत्र से बढ़ने और फैलने के कारण खतरनाक होने की संभावना है।” रूसी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वह समन्वय स्थापित करके इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच समझौता कराने में मदद करने के लिए तैयार है।