धोनी की रणनीति का है बड़ा हाथ,भारतीय टीम के विश्वकप के पहले मैच में

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चेन्नई । भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय विश्वकप के पहले ही मुकाबले में आसान जीत दर्ज की है। भारतीय टीम ने इस मुकाबले में पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की रणनीत पर चलते हुए मुकाबला जीता। चेपक स्टेडियम का विकेट देखने के बाद भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने इस मैच में 3 स्पिनर उतारे। भारतीय टीम का ये फैसला सही साबित हुआ।

इससे पहले सीएसके के कप्तान धोनी भी जब-जब आईपीएल में इस मैदान पर खेलते रहे हैं, इसी रणनीति का इस्तेमाल करते रहे हैं और वह अधिकतर मुकाबलों में 2 से अधिक स्पिन गेंदबाजों के साथ उतरते रहे हैं। वहीं रोहित भी धोनी के ही रास्त पर चले और ऑस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर बनाने से रोकने में सफल रहे। स्पिनर रवींद्र जडेजा को विकेट देखकर ही ये अंदाज हो गया था कि ये पारंपरागत विकेट है जिसपर स्पिन गेंदबाजी सफल रहेगी क्योंकि यहां गेंद इतनी तेजी से स्पिन होती है कि बल्लेबाज को पिच की तेजी से तालमेल बैठाने का अवसर ही नहीं होता है।

इस मैदान पर सीएसके कप्तान धोनी भी अपनी खास रणनीति से उतरते रहे हैं। सीएसके आईपीएल के घऱेलू मैच के लिए ऐसी पिचें तैयार करवाती है, जिस पर वह तीन स्पिनरों को शामिल कर सके। खासकर वैसे गेंदबाज जो सीधे विकेट पर गेंदबाजी कर सकें और जडेजा उनमें से एक हैं। इसी कारण वह इस मैच में सबसे सफल जडेजा रहे हैं। वहीं जडेजा-कुलदीप और अश्विन की स्पिन तिकड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में कुल मिलाकर 30 ओवर गेंदबाजी की और 104 रन देकर 6 विकेट लिए। इसमें से अकेले ही 3 विकेट जडेजा को मिले। वह बाकी दोनों गेंदबाजी से किफायती भी रहे। जडेजा ने 10 ओवर में 28 रन देकर 3 शिकार किए। इसमें स्टीव स्मिथ का अहम विकेट भी शामिल है।

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