इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में हमास ने 11 अमेरिकी नागरिक मार दिए

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वाशिंगटन। अमेरिका के बारे में कहा जाता है कि उसके लिए अपने एक नागरिक की भी बहुत अधिक कीमत है, यदि किसी को खरोंच भी बाती है तो उसका बदला मौत लेकर लेता है, लेकिन यूएस के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया है कि इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में हमास आतंकवादियों द्वारा अमेरिका के 11 नागरिकों को मार दिया गया है । अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा दिन में जारी किए गए एक बयान में अमेरिकियों की मौत की संख्या में दो लोगों की वृद्धि हुई है।

अमेरिकी सैनिक जा रहे हैं इजरायल, मारेंगे हमास के आतंकियों को

बिडेन ने अपने बयान में यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार का मानना है कि हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों में अमेरिकियों के शामिल होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रशासन खुफिया जानकारी साझा कर रहा है और बंधकों को रिहा करवाने की कोशिशों पर इजरायली समकक्षों के साथ परामर्श और सलाह के लिए अमेरिकी सरकार के विशेषज्ञों को तैनात कर रहा है। बिडेन ने यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराया कि इजरायल के पास अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने के लिए आवश्यक साधन मौजूद हैं। फिर भी ऐसी जंग की परिस्‍थ‍ितियों में अमेरिका इजरायल को आवश्‍यक सहायता उपलब्‍ध कराएगा। उन्होंने अमेरिकी सेना को इजरायल बॉर्डर पर भेजने के आदेश दे दिए हैं। अमेरिका का जंगी बेड़ा जैसे ही पहुंचेगा, गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर एक साथ दर्जनों लड़ाकू विमानों से हवाई हमले किए जाएंगे ।

अमेरिका का सबसे एडवांस युद्धपोत भी पहुंच रहा इजरायल

अमेरिकी रॉष्ट्रपति ने यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड युद्धपोत को भी भेजने का फैसला किया है। ये अमेरिका का सबसे एडवांस युद्धपोत हैं, जिसमें न्यूक्लियर मिसाइल से लैस फाइटर प्लेन मौजूद रहते हैं, साथ ही इसमें कम से कम 5000 हजार अमेरिकी सैनिक की टुकड़ी रहती है। इस वॉर शिप की सबसे बड़ी खूबी ये है कि हर छह मिनट पर अपने दुश्मन के ठिकानों पर हवाई कर सकता है। मतलब युद्धपोत भेजने के पीछे अमेरिका का संदेश साफ है, अगर इस जंग में इजरायल के खिलाफ कोई और देश शामिल होता है, तो खौफनाक परिणाम भुगतने होंगे।

लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह ने अमेरिका को दी धमकी

यूएस डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने कहा- मदद के लिए हमारे जहाज और लड़ाकू विमान इजराइल की तरफ बढ़ रहे हैं। हमने यूएसएस जेराल्ड आर फोर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर को अलर्ट कर दिया है। दूसरी ओर लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह ने अमेरिका को धमकी दी। उसने कहा- अमेरिका ने अगर सीधे तौर पर जंग में दखल दिया तो वो मिडिल ईस्ट में अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर देंगे। फिलिस्तीन यूक्रेन नहीं है। हमास ने दावा किया है कि उन्होंने 150 लोगों को अगवा किया है। इन्हें गाजा पट्‌टी में सुरंगों में रखा है। वह इन बंधकों का इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में करेगा, ताकि इजराइल हमला करे तो उसके ही लोग मारे जाएं। इजराइल की डिफेंस फोर्स ने बताया है कि बंधकों में महिलाएं, बच्चे और परिवार शामिल हैं।

इजराइल में सात से आठ लोकेशन्स पर लड़ाई जारी

वहीं, टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल में सात से आठ लोकेशन्स पर लड़ाई जारी है। इसमें उनके कई सैनिकों की मौत हुई है। जहां-जहां से हमास के लड़ाकों को बाहर निकाला जा रहा है वहां, इजराइलियों के शव मिल रहे हैं। टाइम्स ऑफ इजराइल की एक रिपोर्ट यह भी बता रही है कि मिस्र की ओर से बताया गया कि उसने ‘जंग’ के सिलसिले में इजराइल को चेताया था । मिस्र के इंटेलिजेंस अफसर का कहना है कि हमने इजराइल को ‘कुछ बड़ा’ होने की चेतावनी दी थी, लेकिन इजराइल ने इस पर ध्यान नहीं दिया। आपको बतादें कि मिस्र अक्सर इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थता करवाता है। हालांकि शुरूआती दौर में मिस्र भी उन अरब देशों में शामिल था, जो इजराइल को अपना दुश्मन मानते हैं । मिस्र ने इजराइल के खिलाफ कई बार जंग भी लड़ी लेकिन 1973 की अरब-इजराइली जंग के सात साल बाद अंतत: मिस्र ने इजराइल को एक देश के रूप में मान्यता प्रदान कर दी थी। तब से वह इजराइल और फिलिस्तीन के बीच मध्यस्थता कराने वाले देश की भूमिका निभा रहा है।

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