जटिल गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें एफआरयू से टैग करें : डॉ पुष्पा

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मातृत्व स्वास्थ्य एवं पोषण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

RANCHI: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मातृत्व स्वास्थ्य कोषांग की राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ पुष्पा ने कहा है कि गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की शिकायतें ज्यादा मिलती है।

इसलिए जरूरी है कि उन्हें जागरुक करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं।

सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली दवाओं की उपलब्धता और खपत सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महीने की 9 तारीख को पीएमएसए गतिविधि और अंतिम बुधवार को ईपीएमएसए कार्यक्रम में जटिल गर्भवतियों की पहचान कर नजदीकी एफआरयू से टैग करें, जिससे उनका सुरक्षित संस्थागत प्रसव हो सके।

डॉ पुष्पा गुरुवार को होटल लीलैक में मातृत्व स्वास्थ्य एवं पोषण विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित कर रही थीं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड और यूनिसेफ के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

आज यह कार्यक्रम गुमला, पूर्वी-पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह, गोड्डा, बोकारो, सिमडेगा, रामगढ़, सरायकेला, कोडरमा, लोहरदगा,

धनबाद जिलों के प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, चिकित्सा पदाधिकारी और स्टाफ नर्स के लिए आयोजित था।

कार्यक्रम में आईईसी कोषांग के राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ लाल माझी, डॉ कपिल यादव, डॉ गार्गी पांडेय, अरीबा खानम, यूनिसेफ के डॉ प्रीतीश,

दिगंबर शर्मा सहित अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

शेष जिलों के प्रतिनिधियों के लिए यह कार्यक्रम शुक्रवार को आयोजित होगा।

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