कैप्टिव और वाणिज्यिक ब्‍लॉक से कोयला उत्‍पादन पहली छमाही में 32 फीसदी बढ़ा

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नई दिल्ली। देश में चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही एक अप्रैल, 2024 से 30 सितंबर, 2024 के दौरान पिछले वित्‍त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि की तुलना में कैप्टिव और वाणिज्यिक (Captive and commercial) दोनों कोयला ब्लॉकों (Coal blocks) से कोयला उत्पादन और प्रेषण (Coal production and dispatch) में वृद्धि दर्ज हुई है। पहली छमाही में कोयला उत्पादन सालाना आधार पर 32 फीसदी बढ़ा है जबकि कोयला डिस्पैच में 34 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है।

कोयला मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला ब्लॉकों से चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में कोयला उत्पादन सालाना आधार पर 32 फीसदी बढ़कर 79.72 मीट्रिक टन (एमटी) हो गया, जो बीते वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में 60.52 मीट्रिक टन था। इसी तरह दोनों कोयला ब्लॉक से कोयला डिस्पैच में भी सालाना आधार पर 34 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है, जो बीते वित्‍त वर्ष की पहली छमाही के 65.37 मीट्रिक टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 87.86 मीट्रिक टन हो गया है।

मंत्रालय के मुताबिक कैप्टिव और वाणिज्यिक दोनों कोयला ब्लॉकों से कोयला उत्पादन और प्रेषण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके अलावा सितंबर महीने में कोयला उत्पादन में 32 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 10.40 मीट्रिक टन से बढ़कर चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 13.74 मीट्रिक टन हो गया है। इसी तरह सितंबर महीने में कोयला का प्रेषण सालाना आधार पर 47 फीसदी बढ़ा है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 9.68 मीट्रिक टन से बढ़कर चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 14.27 मीट्रिक टन हो गया है।

कोयला मंत्रालय ने इस उपलब्धि के लिए कोयला कंपनियों और उद्योग भागीदारों सहित सभी हितधारकों के अमूल्य समर्थन और उनके अथक प्रयासों की सराहना की है। मंत्रालय ने कहा कि उसका प्राथमिक उद्देश्य देश की बढ़ती ऊर्जा की मांगों को पूरा करने के लिए एक स्थिर और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए कोयला के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि करना है। मंत्रालय का लक्ष्य कोयला क्षेत्र में दक्षता, स्थिरता और उत्पादन को बढ़ाना है।

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