शाकाहारी प्रोटीन का उपयोग श्रेयस्कर: डॉ घई
कार्डायबकाॅन 2024 सम्पन्न
RANCHI: रविवार को वार्षिक आयुर्विज्ञान सम्मेलन कार्डायबकाॅन 2024 का आयोजन होटल कैपिटल हिल मे किया गया।
इस सम्मेलन में झारखण्ड एवं पड़ोसी राज्य के गणमान्य चिकित्सकों ने भाग लिया।
डाॅ मनीषा घई ने बताया कि शाकाहारी प्रोटीन का उपयोग श्रेयस्कर है । डाॅ सबा ने प्रोटीन, काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, वसा, मिनरल्स, विटामिन के साथ जल का सेवन महत्वपूर्ण है ।
डाॅ जगनाणी ने ईसीजी में पी वेभ के महत्व में होनेवाले अरिद्मिया के डायगनोसिस एवं उपचार बताया।
डाॅ रोहित अग्रवाल ने टेलीमेडिसिन के मेडिकोलीगल आस्पेट्स को बताया एवं इससे रोगियों को बचना चाहिए।
डाॅ कुशाग्र महंसरिया ने डिस्लिपिडीमिया में नूतन ओषधि इन्क्लीसिरान के उपयोग को बताया । डाॅ एच एन राय ने हृदयाघात में एस्पिरीन, स्टैटीन एवं नाइट्रेट के महत्वपूर्ण बताया।
डाॅ प्रियंका श्रीवास्तव ने गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप के नियन्त्रण को बच्चे के उचित ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण बताया।
डाॅ ए के सिंह एवं डाॅ प्रवीण श्रीवास्तव ने एको पर डायस्टाॅलिक डिसफंक्शन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डाॅ भदानी ने मधुमेह में इन्सुलिन के महत्व बताया कि रक्त शर्करा नियन्त्रण के लिए आवश्यकतानुसार उपयोग करना चाहिए।
डाॅ प्रज्ञा पन्त ने रीनल फेल्योर में ट्रांस्प्लाण्ट के महत्व पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डाॅ साकेत सोनी ने उच्च रक्तचाप के उपचार में नूतन ओषधि के उपयोग पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डाॅ राजेश झा ने हृदयाघात में एञ्जियोप्लास्टी को लाभकारी बताया।
डाॅ दीपक गुप्ता ने ईसीजी से हृदयाघात के डायगनोसिस बताया। डाॅ नुपुर वाणी ने टाइप वन डायबिटीज में ओषधि के साथ इन्सुलिन को आवश्यक बताया।
डाॅ ललित कपूर ने रोबोटिक कार्डियक सर्जरी की उपयोगिता बताई।
डाॅ जयन्त घोष ने गट माइक्रोबायोटा के उपयोग को मधुमेह एवं वृक्क रोग को लाभकारी बताया।
डाॅ अमर ने नवयुवक एवं नवयुवतियों में गड़बड़ जीवनशैली एवं शिथिलता को हृदयाघात का कारण बताया।
डाॅ अरविन्द आर्य ने रेजिस्टेंट हाइपरटेंशन का उपचार बताया।
डाॅ अजय पटवारी ने टाइप वन डायबिटीज के नूतन उपचार के साथ स्वस्थ्यकर जीवनशैली को आवश्यक बताया ।
डाॅ सीमा पटवारी ने अनियन्त्रित मधुमेह डायबिटिक रेटिनोपैथी को कारक बताया।
डाॅ पंकज मिश्र ने सी के डी में डायलिसिस से क्वालिटी ऑफ लाइफ में होने वाले सुधार को बताया ।
डाॅ पल्लवी मिश्र ने मधुमेह में हार्ट फेल्योर में रक्त शर्करा के नियन्त्रण एवं एस जी एल टी टू इन्हिबीटर्स की उपयोगिता बताई । डाॅ सौरभ ने शल्य चिकित्सा के लिए स्वस्थ्य स्थिरता होना आवश्यक है अन्यथा जानलेवा हो सकता है ।
डाॅ अजय छाबड़ा ने मधुमेह के नियन्त्रण में ओरल सिमाग्लुटाइड एवं एकार्बोज के महत्व को बताया।
डाॅ गगन गुंजन ने डायबिटिक फुट पर व्याख्यान प्रस्तुत किया एवं ऑफ लोडिंग को आवश्यक बताया।
डाॅ आशुतोष मिश्र ने डायबिटीज रेमिशन के लिए मोटापे में कमी के महत्व को बताया ।
डाॅ रवि कचेला ने ब्रैडीअरिद्मिया में पेसमेकर को उपयोगी उपचार बताया । डाॅ अविनाश दूबे ने गर्भावस्था में रीनल डिजीज के उपचार को आवश्यक बताया। उन्होंने यह भी बताया कि उपचार रोगी के अनुसार होना चाहिए जिसमें काॅम्लीकेशन से बच सके।
डाॅ वी के ढाणढनिया ने मधुमेह में बीटा ब्लाॅकर्स के लाभ को बताया। उन्होंने एवं डाॅ अशोक वैद्य ने क्रमशः हृदय एवं वृक्क रोग में फिनरीनाॅन की उपयोगिता बताई कि इससे हाईपरकैलिमिया का रिस्क कम होता है। साथ ही मेटाबाॅलिक डीजीज में एस जी एल टी टू इन्हिबीटर्स की उपयोगिता बताई।