इजरायली सेना की बर्बरता! घायल फ़लस्तीनी युवक को मानव ढाल बनाकर उतारा मौत के घाट

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तेल अवीव । मिडिल ईस्ट में हिजबुल्लाह के साथ इजरायल की जंग के बीच क्षेत्र में संकट गहराता जा रहा है और बड़े युद्ध की आशंका भी बढ़ती जा रही है। इधर इजरायल हमास पर भी पिछले 10 महीनों से हमलावर है और युद्ध में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। इस बीच इजरायली सेना के कैदियों के साथ किए जा रहे बर्बरता के कई मामले सामने आए हैं। रामल्लाह फिलिस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन के एक बयान के मुताबिक तुलकरम के सैदा शहर के 19 साल के ज़हीर रादाद की इजराइली मीर अस्पताल में मौत हो गई है। बीते जुलाई में उसे सेना ने मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था।

रविवार को बयान में कहा गया कि रादाद को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। इजराइली सेना ने उसे गोली मार दी। इसके बाद सैनिकों ने उसे सेना की एक गाड़ी से बांध दिया। युद्ध के दौरान मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। बयान के मुताबिक रादाद की मौत के साथ 7 अक्टूबर 2023 से इजरायली जेलों में मरने वाले कैदियों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है।

घटना को गाजा के खिलाफ नरसंहार अभियान की शुरुआत बताया

बयान में आगे बताया गया है कि रादाद की स्थिति बेहद गंभीर थी। इसके बावजूद इजरायली अधिकारियों ने रविवार को उसकी मौत होने तक उसे बंदी बनाए रखा। फिलिस्तीनी संगठनों ने रादाद की गिरफ्तारी और गोली मारने, मानव ढाल के रूप में उनके इस्तेमाल और उनकी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के बावजूद हिरासत में रखने को लेकर इजरायल की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस घटना को गाजा के लोगों के खिलाफ नरसंहार अभियान की शुरुआत बताया है।

रादाद की मौत पर इजरायल की ओर से कोई बयान नहीं

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक रादाद की मौत पर इजरायल की ओर से कोई बयान नहीं आया है। अक्टूबर 2023 से इजरायल गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है, जिसमें 40,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। हमास ने इससे पहले इजरायली शहरों पर हमला किया था जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कब्जे वाले वेस्ट बैंक में अक्टूबर से अब तक कम से कम 641 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और लगभग 5,400 अन्य घायल हुए हैं। 19 जुलाई को एक इंटरनेशनल कोर्ट ने फिलिस्तीनी भूमि पर इजरायल के कब्जे को गैरकानूनी घोषित किया था और वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में सभी मौजूदा बस्तियों को खाली करने की मांग की थी।

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