अगले पांच साल में 14.19 लाख करोड़ का होगा गोल्ड लोन बाजार

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नई दिल्ली। देश का संगठित गोल्ड लोन बाजार अगले पांच साल में 2028-29 तक दोगुना होकर 14.19 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह भी तब जब सख्त नियमों के कारण वृद्धि में अपेक्षित नरमी के बावजूद इस अवधि में इसमें सालाना 14.85 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है। पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 में संगठित गोल्ड लोन बाजार में पर्याप्त वृद्धि हुई थी और यह 7.1 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर पहुंच गया था।

भारतीय परिवारों में सोने को लेकर भारी आकर्षण है और उनके पास 25,000 टन सोना होने का अनुमान है। कीमत के लिहाज से भारतीय परिवारों के पास करीब 126 लाख करोड़ रुपये का सोना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले दो वर्षों में गोल्ड लोन बाजार में मध्यम वृद्धि देखने को मिलेगी, क्योंकि सोने के बदले कर्ज देने वाले ऋणदाताओं को कर्ज एवं मूल्य (एलटीवी) रखरखाव और नीलामी प्रक्रियाओं के संबंध में नियामक अधिकारियों से बढ़ती जांच का सामना करना पड़ रहा है।

पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर जयकृष्णन ने कहा, गोल्ड लोन कर्ज देने का सबसे पुराना तरीका है। गोल्ड लोन बाजार में दक्षिण भारत का सबसे बड़ा योगदान है। कुल कर्ज में इसकी हिस्सेदारी 79.1 फीसदी है। पीडब्ल्यूसी इंडिया ने कहा, गोल्ड लोन बाजार की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी के निष्क्रिय होने से चालू वित्त वर्ष में बाजार की वृद्धि पर असर पड़ेगा। इसके अलावा, नकद वितरण पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को आरबीआई की नकद वितरण राशि को 20,000 रुपये तक सीमित करने की सलाह ग्राहकों को असंगठित क्षेत्र पर भरोसा करने के लिए प्रेरित कर सकती है।

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