अफगानिस्तान में एक के बाद एक भूकंप के 6 झटके, भूकंप की तीव्रती रिक्टर पैमाने पर 6.3 मापी गई ढह गईं इमारतें
अफगानिस्तान अफगानिस्तान शनिवार को भूकंप के झटकों से दहल गया। एक के बाद एक लगातार पांच झटकों ने कई इमारतों और दीवारों को जमींदोज कर दिया। भूकंप में कम से कम 1000 लोगों की जान चली गई। भूकंप की तीव्रती रिक्टर पैमाने पर 6.3 मापी गई। मरने वालों की संख्या अभी बढ़ भी सकती है। यूएसजीएस के मुताबिक भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहर हेरात से 40 किलोमीटर नॉर्थ वेस्ट में था।
भूकंप आने के बाद लोग अपने घरों और दुकानों को छोड़कर भागने लगे। सोशल मीडिया पर दहशत के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। हेरात के रहने वाले बशीर ने बताया, हम लोग उस वक्त ऑफिस में थे। अचानक इमारत हिलने लगी। उन्होंने एएफपी से कहा, भूकंप इतना तेज था कि दीवार का प्लास्टर गिरने लगा और दीवारों में दरार आ गई। इसके अलावा इमारत का कुछ हिस्सा ढह भी गया।
उन्होंने कहा, अब मेरा परिवार से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। मोबाइल डिसकनेक्ट हो गया है। हम बेहद डरे हुए हैं। अफगानिस्तान के नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के प्रवक्ता ने कहा कि ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की भी घटनाएं हुई हैं जिनमें लोगों के मारे जाने की आशंका है। फिलहाल हमारे पास सारी जानकारियां अभी नहीं हैं। बता दें कि हेरात को अफगानिस्तान की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है। यहां लगभग 19 लाख लोग रहते है। बीते साल जून में भी अफगानिस्तान में आए भूकंप में कम से कम 1000 लोगों की मौत हो गई थी।
अफगानिस्तान में भूकंप फराह और बदगीस प्रांतों में महसूर किया गया। अफगानिस्तान का बड़ा इलाका भूकंप संभावित है। हिंदुकुश पर्वत श्रृंखला में यूरेशियन और भारतीय टैक्टोनिक प्लेटों के अभिसरण की वजह से यहां भूकंप अकसर आता रहता है। कई बार हिंदुकुश के भूकंप का असर भारत के दिल दिल्ली तक होता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, लड़की के पिता ने कहा कि जब वह आधी रात को रेगिस्तान में शौच के लिए गई थी, तभी उसका अपहरण कर लिया गया। गुरुवार को उसका शव भुट्टा नहर के पास पड़ा मिला।
पाकिस्तान में हिंदू महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन, बलात्कार और जबरन विवाह हाल ही में पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा कर दिया है। देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों के कारण पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभावपूर्ण नीतियों की निंदा की जा रही है।
2023 के पहले दो महीनों में पाकिस्तान में क्षेत्रीय समाचार चैनलों पर हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के कम से कम 42 मामले उजागर किए गए। इनमें अपहरण, सामूहिक बलात्कार, जबरन धर्म परिवर्तन और मॉब लिंचिंग की घटनाएं शामिल हैं। वॉयस ऑफ पाकिस्तान माइनॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी महीने में स्थानीय मीडिया में अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और शादी के छह मामले सामने आए, जबकि फरवरी में ऐसे पांच मामले सामने आए थे। कम से कम नौ ऐसे मामलों का उल्लेख है जिनमें हिंदू पीड़ितों के शव लटके हुए पाए गए और कम से कम चार मामले हत्या के हैं।
इस साल की शुरुआत में, हिंदू अधिकार कार्यकर्ता महेश वासु ने विदेश मंत्रालय को दी एक रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन, शादी और सामूहिक बलात्कार के 96 मामले हुए।