सामूहिकता का दूसरा नाम ही आदिवासी है : सुदेश महतो

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विश्व आदिवासी दिवस पर सिल्ली में आदिवासी अखड़ा सह सम्मान समारोह आयोजित
आजसू पार्टी ने राज्यभर में आदिवासी अखड़ा का किया आयोजन

RANCHI : आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन का सामना कर रही है।

इस समस्या से निपटने का समाधान प्रकृति सेवक आदिवासी समाज के जीवन शैली में छिपा है।

प्रकृति संवर्धन, सामूहिकता और संतुलन आदिवासी जीवन का अभिन्न हिस्सा है।

बिना किसी पद और पावर के आदिवासी समाज ने प्रकृति की रक्षा करने का काम किया है।

लोगों में आदिवासी दर्शन होना जरूरी है।

उक्त बातें पार्टी अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने सिल्ली में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित आदिवासी अखड़ा सह सम्मान समारोह में कही।

इस दौरान सिल्ली विधानसभा के सभी ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया गया।

उन्होंने कहा कि पंचायती व्यवस्था से जुड़े ग्राम प्रधान, सरपंच को शक्तियां देनी होगी।

प्रारंभिक निर्णय लेने का अधिकार ग्राम प्रधान के पास होनी चाहिए। हर फैसले में शासन का हस्तक्षेप न हो। इस व्यवस्था को स्थापित करने और सुदृढ़ करने की हमारी तैयारी है।

अपनी आवश्यकताओं, हक़ और अधिकारों के लिए मुखर होना आवश्यक है।

आदिवासी अधिकारों की रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए हमें संगठित होकर कार्य करना है।

आदिवासी समाज का योगदान हमारे देश की विविधता और संस्कृति को समृद्ध करता है।

उनकी कला, संगीत, नृत्य, और जीवन शैली में एक अद्वितीय सौंदर्य है, जिसे हमें गर्व के साथ अपनाने के साथ ही विस्तृत और संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी।

हमारी समृद्ध सामाजिक, सांस्कृतिक और धरोहरों में आदिवासियत समाहित है। भारत का पारंपरिक ज्ञान संसार आदिवासियों के योगदान का ऋणी है।

आदिवासी समाज के लोगों ने संसाधनों के अभाव में भी कई क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाकर अपनी एक खास पहचान बनाई है।

हमें अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए रीति-रिवाज, धर्म-संस्कृति को बचाए एवं बनाए रखने की जरूरत है।आजसू पार्टी द्वारा पूरे राज्य में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी अखड़ा का आयोजन किया गया।

इस दौरान आदिवासी कला, संस्कृति और सभ्यता के प्रचार प्रसार के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे साथ ही आदिवासी वीर शहीदों की शौर्य गाथा एवं बलिदान पर चर्चा के साथ समाज में बेहतर कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया।

मौके पर पौधा वितरण भी किया गया।

इस अवसर पर से सिल्ली राजा पुष्पेंद्र नाथ सिंहदेव, पुर्व जिला परिषद अध्यक्ष सुकरा सिंह मुण्डा, पुर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष चितरंजन महतो,

जितेंद्र बड़ाईक, जयपाल सिंह, संजय सिद्धार्थ, चितरंजन महतो, गौतम साहू, जितेंद्र बड़ाईक, आरती देवी,

सिल्ली प्रखंड पदाधिकारी रेनुबाला, दिपद भंजन सिंह मण्डा, सुसैन प्रमाणिक, बादल सिंह मुण्डा,

अनिल मांझी, शर्मिला कुमारी इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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