Bangladesh crisis: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद क्या भारतीयों पर पड़ेगा असर?
ढाका । बांग्लादेश में बिगड़े हालत के बीच कारोबार ठप होने से लाखों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। भारत के नजरिये से देखा जाए तो डेली करीब 150 करोड़ रुपये से अधिक का आयात-निर्यात प्रभावित हो रहा है। अब इसके और बढ़ने की आंशका है। अगर लंबे समय तक यही हालात रहे तो भारत में कपड़ों से लेकर कुछ दवाओं, जूते, बैग और पर्स समेत अन्य उत्पादों के दाम बढ़ सकते हैं।
गोदामों में पड़ा है तैयार माल
बांग्लादेश के मीरपुर में गारमेंट की फैक्टरी चलाने वाले दिल्ली निवासी सरमद राणा कहते हैं कि हम वहां पर 10 वर्षों से काम कर रहे हैं, लेकिन कभी हालात इतने खराब नहीं हुए। अकेले बांग्लादेश के मीरपुर में करीब 10 हजार से अधिक फैक्ट्रियां हैं, जो बीते करीब एक महीने से बंद है। तैयार माल गोदामों में पड़ा है, जो बिक नहीं रहा है।
बंदरगाहों पर फंसा माल
पहले कर्फ्यू के चलते सब कुछ बंद था। अभी कुछ दिन से कर्फ्यू हटाया गया तो लोगों को आशंका थी कि अभी हालात सामान्य नहीं है। अगर माल को गोदाम से निकालकर बंदरगाह तक भेजा गया तो आगजनी और हिंसा में भारी नुकसान हो सकता है। अब फिर से अचानक हालात बिगड़ गए हैं। बांग्लादेश के सबसे बड़े बंदरगाह में शामिल चटगांव में कंटेनरों के अंदर भी बड़ा सामान फंसा हुआ है।
बांग्लादेश से आयात किए जाने वाले उत्पाद
कपड़ा और परिधान, जूट एवं जूट से बने सामान, चमड़ा और चमड़े के सामान, फार्मास्यूटिकल्स, चीनी मिट्टी के बर्तन और कृषि उत्पाद आदि बांग्लादेश से आयात किए जाते हैं।
भारत से निर्यात होने वाले प्रमुख उत्पाद
भारत अपने कुल निर्यात में 12 फीसदी अकेले बांग्लादेश को निर्यात करता है
मौजूदा समय में भारत 6052 कमोडिटी का निर्यात करता है
चावल, रुई, पेट्रोलियम उत्पाद, सूती कपड़ा, गेह का निर्यात।
पेट्रोलियम उत्पाद : 81.6 करोड़ डॉलर
सूती कपड़े एवं तैयार कपड़ा : 54.1 करोड़ डॉलर
अन्य : 117 करोड़ डॉलर
इंजीनियरिंग गुड्स : 148 करोड़ डॉलर (अप्रैल-नवंबर 2023)