नेपाल : पूर्व की प्रचण्ड सरकार के करीबियों पर गाज गिरना शुरू, सीआईबी प्रमुख के खिलाफ जांच के आदेश

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काठमांडू । नेपाल में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पिछली प्रचण्ड सरकार से निकट रहे अधिकारियों पर गाज गिरना शुरू हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री के निकट रहे सरकार और पुलिस के आला अधिकारियों का या तो स्थानांतरण किया जा रहा है या फिर उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।

ताजा मामला केन्द्रीय अनुसंधान ब्यूरो (सीआईबी) के प्रमुख पुलिस के अतिरिक्त महानिरीक्षक (एआईजी) श्यामलाल ज्ञवाली से जुडा है। गृह मंत्रालय ने ज्ञवाली के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने, हाई प्रोफाइल मामलों को अनुचित लेन देन के जरिए केस को दबाने, राजनीतिक संरक्षण में तत्कालीन विरोधी दल के नेताओं को परेशान करने के मामले में जांच शुरू कर दी है।

नेपाल पुलिस प्रमुख पुलिस महानिरीक्षक वसन्त कुंवर ने अपने एआईजी श्यामलाल ज्ञवाली के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि एआईजी ज्ञवाली के द्वारा सीआईबी प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के फौरन बाद ही उनके खिलाफ लगातार कई लिखित शिकायतें आई है। उसी के आधार पर इंक्वायरी हो रही है। पुलिस के कुछ उच्च अधिकारियों का तो यहां तक कहना था कि पिछली प्रचण्ड सरकार ने ज्ञवाली का प्रयोग कर वर्तमान पुलिस प्रमुख को किसी आरोप में फंसाने की भी साजिश की गई थी। उनका दावा है कि आईजीपी कुंवर को पद से हटा कर ज्ञवाली खुद आईजीपी बनना चाहते थे।

एआईजी ज्ञवाली के खिलाफ जांच के लिए जो विभागीय टीम गठित की गई है उसमें उनके ही बैच के पुलिस अधिकारी टेक बहादुर राई को यह जिम्मेदारी दी गई है। पुलिस प्रवक्ता डीआईजी दान बहादुर कार्की ने बताया कि एआईजी राई के नेतृत्व में बनी जांच कमिटी में क्राईम ब्रांच काठमांडू के एसएसपी नवीन राई, एसपी प्रकाश मल्ल, लीगल सेल के डीएसपी रूक बहादुर खड्का और डीएसपी मुकेश तिवारी को रखा गया है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक एआईजी श्यामलाल ज्ञवाली पर अरबपति व्यवसायी तथा नेपाली कांग्रेस के सांसद विनोद चौधरी के बांसबारी जमीन मामले में लेनदेन कर मामले को दबाने, सरकारी बाल संगठन के जमीन मामले में दूसरे बडे व्यवसायी विशाल ग्रुप के साथ लेनदेन करने, सेंचुरी बैंक के अध्यक्ष और अन्य को गिरफ्तार कर उनके साथ वसूली करने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा एक क्विंटल सोने की तस्करी के मामले में फरार एक आरोपी ने ज्ञवाली के द्वारा अपना नाम केस से हटाने के लिए दो करोड रूपए मांगने का ऑडियो ही सार्वजनिक किया था। उनकी संपत्ति की जांच करने का भी आदेश दिया गया है।

ज्ञवाली ही वो अधिकारी हैं, जिनको पूर्व गृहमंत्री रवि लामिछाने ने सीआईबी का प्रमुख बना कर भूटानी शरणार्थी मामले में नेपाली कांग्रेस के नेता तथा पूर्व गृहमंत्री बालकृष्ण खांड, पूर्व गृहमंत्री तथा एमाले के नेता राम बहादुर थापा बादल के बेटे प्रतीक थापा, पूर्व गृहमंत्री तथा एमाले के नेता टोप बहादुर रायमांझी, पूर्व स्पीकर एवं गृहमंत्री तथा माओवादी के नेता कृष्ण बहादुर महरा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ज्ञवाली ने नेपाली कांग्रेस की नेता तथा वर्तमान में विदेश मंत्री डा. आरजू राणा देउवा की भी गिरफ्तारी की तैयारी कर ली थी।

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