डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट : अपने ही पार्टनर की हिंसा की शिकार होती हैं दुनिया की एक चौथाई लड़कियां
नई दिल्ली । घरेलू हिंसा का शिकार सिर्फ महिलाएं नहीं होती हैं। 20 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ हुई हिंसा को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। डब्ल्यूएचओ ने इसे लेकर एक सर्वे किया है। इस रिपोर्ट में पाया गया है कि लगभग एक चौथाई किशोर लड़कियों पर उनके पार्टनर ही जुल्म ढाते हैं। लैंसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित डब्ल्यूएचओ की यह रिपोर्ट 154 देशों और इलाकों की 15 से 19 वर्ष की आयु की हजारों किशोर लड़कियों पर हुए सर्वे पर आधारित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन में मंगलवार को कहा गया है कि ऐसी लड़कियां जो रिलेशनशिप में रही हैं, उनमें से लगभग एक चौथाई को शारीरिक या यौन हिंसा का सामना करना पड़ा है।
इस रिपोर्ट में बताया गया कि उनमें से 24% कम से कम एक बार अपने पार्टनर द्वारा हिंसा का शिकार हुई हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 16% था। इस रिपोर्ट के लेखक डॉ. लिनमेरी सरडिन्हा ने बताया कि विश्लेषण इसलिए किया गया है क्योंकि लड़कियां लगातार हिंसा का शिकार हो रही हैं और यह आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। यह डेटा 2000 और 2018 के बीच किए गए सर्वेक्षणों पर आधारित था। इसमें यह खुलासा हुआ है कि लड़कियों के साथ मारपीट, अवांछित यौन क्रिया और बलात्कार या बलात्कार की कोशिश की जाती है और इन मामलों में कमी नहीं देखी गई है।
वहीं रिपोर्ट से यह भी साफ हुआ कि जिन राज्यों में लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा तक सीमित पहुंच थी वहां हिंसा में थोड़ी कमी थी। विश्लेषण से पता चला कि ओशिनिया इलाके में हिंसा की दर सबसे अधिक थी। उसके बाद अफ्रीका और पापुआ न्यू गिनी में 49% लड़कियों के साथ उनके साथियों ने मारपीट की। सबसे कम दर यूरोप में थी जहां 10% ने इस तरह की घटनाओं का जिक्र है।
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